यात्रा का नया अनुभव: जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली सिर्फ 30 मिनट में!

नई दिल्ली

दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक नया 30 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जो जेवर एयरपोर्ट से सीधे दिल्ली तक पहुंचेगा। यह नया एक्सप्रेसवे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाया जाएगा और यमुना नदी को पार करते हुए पुस्ता रोड के जरिए दिल्ली तक पहुंचेगा। यह सड़क नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ते हुए दिल्ली के यातायात को आसान बनाएगी।

परियोजना को किसने बढ़ावा दिया?
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा के प्रयासों से हुई थी। अब इस योजना को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का भी समर्थन मिल गया है। हाल ही में जेवर एयरपोर्ट के दौरे पर उन्होंने फंडिंग देने का ऐलान भी किया।

यात्रा का समय घटेगा
अभी जेवर से दिल्ली तक पहुंचने में करीब 2 घंटे लगते हैं। नए एक्सप्रेसवे से यह दूरी सिर्फ 30 मिनट में तय की जा सकेगी, जिससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।

1.20 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का हिस्सा
नितिन गडकरी के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-NCR में चल रहे 1.20 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है। अब तक इनमें से आधा काम पूरा हो चुका है। आने वाले समय में सरकार यहां 40 से 50 हजार करोड़ रुपये और निवेश करने को तैयार है।

भीड़भाड़ होगी कम
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर रोजाना लगभग 5 लाख वाहन चलते हैं। इनमें से करीब 2 लाख वाहन डीएनडी से गुजरते हैं। चिल्ला बॉर्डर, कालिंदी कुंज और सेक्टर 15, 16, 18, 37 जैसे क्षेत्रों से भी भारी ट्रैफिक आता है। पीक ऑवर में अक्सर जाम लग जाता है, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती है। नया एक्सप्रेसवे इन वाहनों को बायपास कराकर सीधे जेवर एयरपोर्ट तक ले जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट के लिए खास एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे खासतौर पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। यूपी सरकार के अनुसार, 2025 के अंत तक एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो जाएगा, जिसके बाद इस एक्सप्रेसवे की जरूरत और बढ़ जाएगी।

कौन बनाएगा एक्सप्रेसवे?
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी से फंडिंग को लेकर चर्चा की गई है। तीनों अथॉरिटीज़ का सुझाव है कि यह प्रोजेक्ट NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) को सौंपा जाए ताकि केंद्र सरकार और अन्य स्रोतों से मिलने वाली फंडिंग का सही उपयोग हो सके।  दिल्ली-NCR के लोगों को ट्रैफिक की परेशानी से राहत देने और जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली की कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए यह नया एक्सप्रेसवे एक गेमचेंजर साबित हो सकता है।

 

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