भोपाल
ग्वालियर में आयोजित हुई "मध्यप्रदेश अभ्युदय ग्रोथ समिट" में निर्यात को प्रोत्साहित करने, राज्य के उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने तथा “एक जिला-एक उत्पाद” योजना पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला में सरकार, निर्यात प्रोत्साहन परिषदों, वित्तीय संस्थानों, उद्योग जगत तथा एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
कार्यशाला में पद्मश्री डॉ. मिलिंद कांबले संस्थापक चेयरमैन डीआईसीसीआई ने सामाजिक रूप से समावेशी उद्यमिता, स्टार्ट-अप्स एवं एमएसएमई के सशक्तिकरण तथा निर्यात से रोजगार सृजन की संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने ओडीओपी पहल को स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रभावी माध्यम बताया। एमपीआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री चन्द्रमौली शुक्ला ने मध्यप्रदेश को एक उभरते हुए औद्योगिक और निर्यात हब के रूप में स्थापित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों, बुनियादी ढांचे के विकास तथा निवेश अनुकूल नीतियों पर प्रकाश डाला।
महानिदेशक एसईपीसी डॉ. अभय सिन्हा ने “वैश्विक बाजार में मध्यप्रदेश की स्थिति” विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने राज्य के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों, अंतर्राष्ट्रीय मांग, गुणवत्ता मानकों तथा बाजार विस्तार की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला में अतिरिक्त महानिदेशक एफआईईओ श्री सुविद शाह ने मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) की उपयोगिता, टैरिफ जोखिमों को कम करने तथा निर्यातकों को मिलने वाले लाभों की व्यावहारिक जानकारी साझा की।
इंजीनियरिंग क्षेत्र में निर्यात की संभावनाओं पर अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक ईईपीसी इंडिया श्री रजत श्रीवास्तव ने राज्य की औद्योगिक क्षमताओं, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भागीदारी और तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता पर जोर दिया। एक्सिस बैंक के श्री आनंद सिंह, उप महाप्रबंधक एवं क्षेत्रीय प्रमुख ने निर्यात वित्त पोषण, क्रेडिट सहायता, जोखिम प्रबंधन तथा बैंक की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
क्षेत्र-विशेष सत्रों में श्री तिलक खिंदर, प्रबंध निदेशक, रतन ब्रदर्स समूह ने मध्य प्रदेश से खेल सामग्री एवं एक्सेसरीज़ के निर्यात की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया। समिट में श्री आशीष जायसवाल, स्पाइसेज़ बोर्ड ने मसालों के उत्पादन, गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में निर्यात के अवसरों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। कार्यशाला में ओडीओपी उत्पादों के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, किसानों, एमएसएमई इकाइयों और उद्यमियों को निर्यात से जोड़ने पर विशेष बल दिया गया। समिट में निर्यात से जुड़ी व्यावहारिक चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा हुई।

