Headlines

महाकुंभ 2028 से पहले उज्जैन में पंढरपुर-मथुरा जैसी सुविधाएं, फैसिलिटी हब पर काम शुरू

 उज्जैन
 साल 2028 में उज्जैन में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियां नई दिशा में आगे बढ़ रही हैं। उज्जैन प्रशासन का लक्ष्य इस बार सिर्फ परंपराओं का पालन नहीं बल्कि तीर्थ व्यवस्थाओं को एक आधुनिक, सुविधाजनक और यादगार अनुभव में बदलना है। प्रशासन अब महाराष्ट्र के पंढरपुर और उत्तर प्रदेश के मथुरा जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों से प्रेरणा लेकर सिंहस्थ के लिए अत्याधुनिक फैसिलिटी सेंटर तैयार करने की योजना बना रहा है।

पंढरपुर की प्रसिद्ध वारी यात्रा और मथुरा की ब्रज परिक्रमा में हर साल लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इन तीर्थस्थलों पर विकसित फैसिलिटी सेंटर श्रद्धालुओं को छाया, पीने का पानी, स्नानघर, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा, विश्राम स्थल और सुरक्षा की पूरी व्यवस्था प्रदान करते हैं। इसी तर्ज पर अब उज्जैन में भी स्थायी, स्मार्ट और पर्यावरण-अनुकूल फैसिलिटी सेंटर बनाए जाएंगे।

प्रशासन का कहना है कि सिंहस्थ 2028 में अब केवल अस्थायी टेंट या पारंपरिक पड़ाव नहीं होंगे, बल्कि फैसिलिटी सेंटर श्रद्धालुओं के लिए एक समग्र अनुभव का केंद्र बनेंगे। यहां डिजिटल सूचना पटल, छायादार विश्राम क्षेत्र, पुरुष व महिलाओं के लिए पृथक स्नानगृह, ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, जल वितरण केंद्र और चिकित्सा सहायता केंद्र जैसे अत्याधुनिक इंतजाम होंगे। इन स्थलों पर सीसीटीवी निगरानी और डिजिटल नेविगेशन सिस्टम भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

उज्जैन कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने कहा 'सिंहस्थ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि व्यवस्थाओं की कसौटी है। हमारा उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को एक प्रेरक, सुरक्षित और सुविधा युक्त अनुभव मिले। पंढरपुर और मथुरा जैसे तीर्थस्थलों की परंपराओं और अनुभवों से प्रेरणा लेकर उज्जैन को एक स्मार्ट तीर्थ मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।'

गौरतलब है कि सिंहस्थ महाकुंभ विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। इस विशाल भीड़ को सुचारु रूप से संभालने और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए स्थायी फैसिलिटी सेंटर न केवल सहूलियत देंगे, बल्कि उज्जैन को तीर्थ व्यवस्थाओं का आदर्श मॉडल भी बनाएंगे।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *