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बजट का इंतजार किए बिना सरकार के पास आयकर की व्यवस्था में राहत या संशोधन करने का अधिकार होगा

नई दिल्ली
नई आयकर विधेयक 2025 को आज केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त करने की संभावना है। इस बिल में एक ऐसा विशेष प्रावधान हो सकता है कि बजट का इंतजार किए बिना सरकार के पास आयकर की व्यवस्था में राहत या संशोधन करने का अधिकार होगा। मनी कंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बात कही है। रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने कहा, "नए बिल में कुछ ऐसे प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं जो सरकार को कार्यकारी आदेशों के माध्यम से कटौती या छूट की सीमा और राशियों को बदलने की अनुमति देंगे।"

वहीं एक अन्य सूत्र का कहना है कि सरकार के पास कार्यकारी आदेश के जरिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी समय-समय पर बदलाव करने का अधिकार होगा। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की इस बैठक में इस बिल को मंजूरी मिलने की संभावना है। इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के पास विस्तृत चर्चा के लिए भेजा जा सकता है।

सरकार क्यों ला रही है नया इनकम टैक्स बिल?
इस नए कानून को 'डायरेक्ट टैक्स कोड' के नाम से जाना जाएगा। इसे मौजूदा आयकर संरचना को सरल बनाने और उसमें सुधार करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह 1961 के आयकर अधिनियम को बदल देगा। 2025 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह विधेयक 'न्याय' के उसी दर्शन को समाहित करेगा, जो भारतीय न्याय संहिता के केंद्र में था। यह कानून जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता (IPC) को समाप्त कर देगा।

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नया आयकर विधेयक 'न्याय' की भावना को आगे बढ़ाएगा। यह विधेयक साफ और स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा, जिसमें वर्तमान कानून के लगभग आधे भाग और शब्दों को कम किया जाएगा। यह करदाताओं और कर प्रशासन के लिए समझने में सरल होगा, जिससे कर संबंधित निश्चितता और कम विवाद होंगे।" यह विधेयक कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए जाना जाएगा, जिससे जटिलताओं में कमी आएगी और करदाताओं तथा आयकर अधिकारियों के लिए अनुपालन आसान होगा।

 

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