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चांदी ₹2.5 लाख से ₹21500 सस्ती, अचानक आई गिरावट के पीछे क्या है कारण?

नई दिल्ली

चांदी (Silver) की खूब चर्चा हो रही है, सोमवार को भी चांदी की कीमतों में बड़ी उछाल देखने को मिली. MCX पर भाव बढ़कर 2.54 लाख रुपये किलो तक पहुंच गया. लेकिन उसके बाद अचानक एक भूचाल आया और चांदी की कीमत 21500 रुपये प्रति किलो तक गिर गई, यानी एक झटके में सोमवार को चांदी 21 हजार रुपये से ज्यादा सस्ती हो गई.   

एक तरह से सराफा बाजार में एक बड़ा मार्केट ड्रामा देखने को मिला. चांदी के भाव ने दिन की शुरुआत में इतिहास रच दिया और फिर एक ही घंटे में 21,500 रुपये तक लुढ़क गए, निवेशक समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ, जो चांदी भर-भराकर टूट गई. 

 पिछले हफ्ते से लगातार रिकॉर्ड बना रही चांदी सोमवार को उस वक्त औंधे मुंह गिर पड़ी, जब उसने ढाई लाख रुपए प्रति किलोग्राम के हाई लेवल को छुआ। इसके कुछ देर बाद ही एक घंटे में चांदी में 21000 रुपए से ज्यादा की भारी गिरावट आई। MCX पर मार्च 2026 डिलीवरी वाली चांदी फिसलकर 2,33,120 रुपए प्रति किलोग्राम (silver price crast today) पर आ गई। जिसने निवेशकों को चौंका कर रख दिया। अब सवाल यह कि आखिर चांदी ने इतनी बड़ी गिरावट आई क्यों?

दरअसल, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट किसी एक वजह से नहीं, बल्कि मुनाफावसूली और भू-राजनीतिक माहौल के ठंडा पड़ने का नतीजा है। रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचते ही ट्रेडर्स ने मुनाफा काटना शुरू किया और सेफ-हेवन डिमांड में अचानक ठंडक दिखी।

MCX पर भारी गिरावट, 5300 रुपए तक गिरे दाम

खबर लिखे जाने तक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 5 मार्च 2026 एक्सपायरी वाली चांदी 2,34,400 रुपए (silver price today) प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी। पिछले दिन के मुकाबले इसमें 2.25 फीसदी यानी 5387 रुपए की गिरावट आई। पिछले कारोबारी सत्र के दौरान यह 2,39,787 रुपए (silver rate today) पर क्लोज हुई थी।

खास बात यह है कि आज सुबह मार्केट खुलते ही चांदी में अचानक तेजी आई और कीमत 2,54,174 रुपए प्रति किलोग्राम के हाई लेवल पर पहुचं गई। लेकिन 1 बजे के आसपास इसमें तेजी से गिरावट (silver price crash) आई और 2.34 लाख के आसपास कारोबार करने लगी। यानी चांदी में 21,500 रुपए से ज्यादा की गिरावट आई। 

रूस-यूक्रेन युद्धविराम के संकेतों ने गिराई कीमत? 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी यही तस्वीर दिखी। चांदी पहली बार उथल-पुथल भरे कारोबार में 80 डॉलर प्रति औंस के ऊपर गई, लेकिन बाद में 75 डॉलर के नीचे फिसल गई। वजह- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप (Donald Trump) और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेंलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के बीच युद्धविराम को लेकर 'काफी करीब' पहुंचने की बात। ट्रंप ने कहा कि दोनों पक्ष यानी रूस और यूक्रेन की शांति वार्ता 'बहुत करीब' है, जिससे सुरक्षित निवेश की मांग कमजोर पड़ी।

MCX पर आई इस तेज गिरावट को बुलियन मार्केट में ब्रॉड प्रॉफिट बुकिंग का हिस्सा माना जा रहा है। रिलायंस सिक्योरिटीज (Reliance Securities) के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी कहते हैं कि, "ट्रेंड अब भी पॉजिटिव है, लेकिन उतार-चढ़ाव तेज रहेगा। 2.40 लाख चांदी के लिए नजदीकी सपोर्ट है।"

वहीं अमेरिकी फर्म BTIG ने चेताया कि कीमती धातुएं पैराबॉलिक हो चुकी हैं। फर्म का कहना है कि, "ऐसी तेजी आमतौर पर समय लेकर नहीं, बल्कि तेज डाउनसाइड रिएक्शन के साथ खत्म होती है।" तकनीकी चार्ट पर चांदी 200-DMA से करीब 89% ऊपर थी- इतिहास बताता है कि ऐसी स्थिति में आगे के हफ्तों में कीमतें अक्सर नीचे आती हैं।

अचानक चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट 
सुबह जब MCX पर चांदी के मार्च वायदा भाव ने 2,54,174 रुपये प्रति किलो का रिकॉर्ड तोड़ा, तब ऐसे लग रहा था कि 2025 का यह आखिरी कारोबारी सत्र चांदी के नाम हो जाएगा. लेकिन जैसे ही बाजार में प्रॉफिट बुकिंग की लहर चली, भाव ने रफ्तार से उल्टी दिशा पकड़ी और 2,32,663 रुपये तक गिर गया, यानी कुछ ही देर में चांदी की कीमत करीब 21,500 रुपये घट गई. 

जानकारों के मुताबिक यह गिरावट अचानक नहीं है, बल्कि तेज उछाल के बाद की सामान्य प्रतिक्रिया है. कई ट्रेडरों ने लाभ सुरक्षित करने के लिए चांदी बेचना शुरू कर दिया, जिससे बाजार में गिरावट की गति और तेज हो गई.

चांदी में तूफानी तेजी के पीछे कारण

बता दें, सबसे पहले चांदी पर अंतरराष्ट्रीय बाजार ने दबाव बनाया. वैश्विक सिल्वर की कीमतें पहले $80 प्रति औंस तक पहुंच गईं. लेकिन उसके बाद लुढ़क कर $75 पर पहुंच गई, जिससे घरेलू भावों पर असर पड़ा है. इस बदलाव में यूक्रेन-रूस तनाव में कुछ शांति की खबरें भी शामिल रहीं, जिसकी वजह से 'Safe-Haven' यानी सुरक्षित निवेश की मांग कम हुई. 

गौरतलब है कि चांदी ने पिछले एक साल में जबरदस्त रिटर्न दिया है. दिसंबर 2024 में चांदी का भाव करीब 90 लाख रुपये किलो था. जहां से भाव 150% से ज्यादा उछल चुका है. सोमवार को चांदी की कीमत MCX पर 254000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. 

विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी की कीमतों में कई कारणों से बढ़ोतरी देखी जा रही है. औद्योगिक मांग में उछाल, निवेशकों की सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ती रुचि और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण चांदी की डिमांड बढ़ती जा रही है. खास तौर पर ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक वाहनों और सोलर पैनल्स में चांदी की बढ़ती मांग ने कीमतों को उछलने में मदद की है.

'10% हाई के बाद 25% गिरी चांदी'

BTIG के एनालिस्ट जोनाथन क्रिन्स्की (Jonathan Krinsky) ने 1987 का उदाहरण देते हुए कहा कि जब-जब चांदी ने मल्टी-मंथ हाई पर 10% की एक दिन की छलांग लगाई, उसके बाद 25% तक की गिरावट भी देखी गई। ICICI Prudential Mutual Fund के CIO (फिक्स्ड इनकम) मनीष बंथिया भी मानते हैं कि, "इतनी शानदार रैलियां अक्सर नरमी से नहीं, झटके से ठंडी पड़ती हैं।"

हालांकि कहानी यहीं खत्म नहीं होती। केडिया एडवाइजरी के मुताबिक, गिरावट के बाद चांदी ने 80 डॉलर के आसपास तेज रिबाउंड भी दिखाया। मध्य-पूर्व तनाव, अमेरिका-वेनेजुएला खींचतान और दरों में कटौती की उम्मीदें अब भी कीमतों को सहारा दे रही हैं। लंबी अवधि में सप्लाई की कमी, कम इन्वेंट्री और औद्योगिक मांग के चलते ट्रेंड मजबूत है। लेकिन फिलहाल, तेज उतार-चढ़ाव ही नई हकीकत है।

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