Headlines

क्या है कुशीनगर में 52 ब्राह्मण विधायकों की मीटिंग के पीछे की सियासी कहानी?

 लखनऊ

उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है और सभी दलों के विधायक राजधानी लखनऊ में हैं. सूबे की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक भी लखनऊ में हैं और अब ब्राह्मण विधायकों की गोलबंदी ने सर्दी के मौसम में भी सियासी तापमान बढ़ा दिया है. लखनऊ में मंगलवार की शाम बीजेपी और अन्य दलों के 52 ब्राह्मण विधायक और विधान परिषद सदस्य एक जगह जुटे और बंद कमरे में बैठे.

बीजेपी विधायकों के साथ ही इस आयोजन में अन्य दलों के विधायक भी पहुंचे. ब्राह्मण विधायकों और एमएलसी का जुटान कुशीनगर के विधायक पंचानंद पाठक (पीएन पाठक) के आवास पर हुआ. इसे सहभोज नाम दिया गया था, जिसमें खासतौर पर पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विधायक पहुंचे थे. विधायकों का कहना है कि यह सहभोज था, कोई बैठक नहीं थी. इसे लेकर मिर्जापुर नगर विधानसभा सीट से विधायक रत्नाकर मिश्रा का बयान आया है.

मिर्जापुर नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने कहा है कि कुशीनगर के विधायक पंचानंद पाठक ने यह आयोजन किया था. इसमें लगभग चार दर्जन ब्राह्मण विधायक शामिल थे. उन्होंने दावा किया कि इस दौरान कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई थी. हम सब लोग बस बैठते हैं, भोजन का आयोजन था. मिर्जापुर नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने यह भी कहा है कि हम सभी ने बस खाना खाया और इसके बाद वहां से सभी चले गए.

उन्होंने कहा कि कुछ भी खास नहीं था. जैसे सब बैठते थे, वैसे हम लोग भी बैठे और खाना खाया. इस सहभोज में मिर्जापुर नगर विधानसभा से विधायक रत्नाकर मिश्रा के साथ ही शलभमणि त्रिपाठी, एमएलसी उमेश द्विवेदी भी मौजूद रहे. ये सभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी करीबी माने जाते हैं. गौरतलब है कि यूपी विधानसभा के पिछले मॉनसून सत्र के दौरान भी ऐसा ही एक आयोजन चर्चा का केंद्र रहा था.

यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान ठाकुर विधायकों का जुटान हुआ था, जिसे कुटुंब नाम दिया गया था. तब बीजेपी के साथ ही अन्य दलों के ठाकुर विधायक भी उस जुटान में पहुंचे थे. विधायकों ने उस आयोजन को पारिवारिक मिलन बताया था. यह बैठक उसी आयोजन का जवाब मानी जा रही है.

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *