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हमें अपने धर्म और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए सनातन बोर्ड की जरूरत है: देवकीनंदन ठाकुर

नई दिल्ली
महाकुंभ के सेक्टर 17 में होने वाली धर्मसभा में आने वाली आज सनातन बोर्ड का मसौदा पेश किया जाएगा। यह दिन ‘धर्म की स्वतंत्रता का दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस बात की जानकारी प्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने गुरुवार को निरंजनी अखाड़े में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, "हमारा धर्म स्वतंत्र नहीं है। हमारे मंदिर सरकारों के अधीन हैं, गुरुकुल बंद हो गए हैं और गौ माता सड़कों पर भटक रही हैं। हमें अपने धर्म और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए सनातन बोर्ड की जरूरत है।" उन्होंने यह भी बताया कि धर्मसभा में सभी अखाड़ों, चारों शंकराचार्यों के प्रतिनिधि और सनातन धर्म से जुड़े प्रमुख लोग शामिल होंगे। ठाकुर ने साफ शब्दों में कहा, "जब तक सरकार सनातन बोर्ड का गठन नहीं करती, हम कुंभ से वापस नहीं जाएंगे।"

जूनापीठाधीश्वर महंत स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने कहा, "सनातन बोर्ड सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए जरूरी है। आतंकवाद, नफरत और अराजकता को खत्म करने का रास्ता सिर्फ सनातन धर्म से ही होकर गुजरता है।" निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर और उज्जैन के अर्जुन हनुमान मंदिर के महंत स्वामी प्रेमानंद पुरी ने कहा, "कुछ लोग गंगा की भूमि को वक्फ बोर्ड का बताने का दावा करते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि सनातन धर्म सूर्य की उत्पत्ति से पहले से अस्तित्व में है। देश की अखंडता बनाए रखने के लिए सनातन बोर्ड का गठन अत्यंत जरूरी है।"

आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा, "जहां आस्था है, वहां सनातन है। अगर आपको यकीन नहीं, तो इतिहास में गहराई तक देखिए, आपको हर जगह सनातन की जड़ें ही मिलेंगी। सनातन धर्म की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड का निर्माण अनिवार्य है।" अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि 27 जनवरी को धर्मसभा के दौरान सभी धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में सनातन बोर्ड का मसौदा अंतिम रूप देकर आधिकारिक रूप से घोषित किया जाएगा।

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