Headlines

बस्तर में धार्मिक प्रवेश पर रोक: गांववालों ने लगाए सूचना पट्ट, जताई चेतावनी

भानुप्रतापपुर

दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तार में बाद प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर चढ़े सियासी पारे के बीच कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड स्थित ग्राम कुडाल से बड़ी खबर आई है. ग्रामीणों ने पास्टर-पादरी के साथ ईसाई धर्मांवलंबियों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी है. इसके लिए गांव के चारों प्रवेश द्वार पर बाकायदा बोर्ड लगा दिया है. यही नहीं सरपंच ने स्पष्ट किया है कि कोई ईसाई धर्मावलंबी किसी के घर जाएगा, तो उसे शैतान की संज्ञा दी जाएगी.

गांव कुडाल के प्रवेश द्वार पर लगाए गए बोर्ड में पास्टर-पादरी के साथ इसाईं धर्मांतरित व्यक्तियों के प्रवेश वर्जित होने की सूचना दी गई है. जानकारी के लिए बता दें कि यह वही गांव है, जहां पिछले दिनों एक ईसाई धर्मांतरित महिला के शव को दफनाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद उस महिला के शव को भानुप्रतापपुर में दफनाया गया. यही नहीं दो-तीन दिन पहले ही कांकेर जिले के नरहरपुर के जामगांव में भी इसी तरह का विवाद सामने आया था. इन घटनाओं के बाद ग्राम कुडाल में लगाया गया बोर्ड धर्मांतरण के प्रति आदिवासी समाज में पनप रहे आक्रोश के नतीजा के रूप में देखा जा रहा है.

गांव में लगातार बढ़ रहा है धर्मांतरण
कुडाल गांव के सरपंच बिनेश गोटी ने बताया कि करीब-करीब 7-8 साल में दो- दो चार -चार कर करके बड़ी संख्या में आदिवासी लोग धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. यह लगातार बढ़ता जा रहा है, इसलिए हमने गांव की चारों सीमाओं में बोर्ड लगाकर ईसाई धर्म के लोगों को गांव में पर रोक लगा दी है. यही नहीं कोई ईसाई धर्म का व्यक्ति किसी घर में जाता है, तो उसे शैतान की संज्ञा दी जाएगी. सरपंच ने इसे गांव की शीतला माता और ठाकुर देव की परंपरा संस्कृति को बचाने का प्रयास बताते हुए कहा कि ईसाई धर्म के लोग इसका विरोध करते हैं.

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *