जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आज किश्तवाड़ ज़िले के चासोटी गांव पहुँचे. यहाँ उन्होंने बाढ़ (Kishtwar Cloudburst) से हुए नुकसान का जायज़ा लिया और राहत कार्यों की स्थिति का आकलन किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान भारतीय सेना के जवानों से ब्रीफिंग ली और वर्चुअल रियलिटी हेडसेट की मदद से प्रभावित क्षेत्रों का आभासी दौरा भी किया.
प्रभावित गांवों में राहत कार्यों का लिया जायजा
“चासोटी गांव पहुँचते ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सबसे पहले स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और भारतीय सेना की टीमों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे खोज और बचाव अभियानों की विस्तृत जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों तक तुरंत राहत सामग्री पहुँचाई जाए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने में किसी तरह की देरी न हो.”
वर्चुअल रियलिटी हेडसेट से लिया जायजा
“जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायज़ा लिया. खास बात यह रही कि उन्होंने वर्चुअल रियलिटी हेडसेट का इस्तेमाल कर प्रभावित इलाकों का डिजिटल सर्वे किया. इस आधुनिक तकनीक की मदद से उन्हें यह समझने में आसानी हुई कि कहां-कहां सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है और किन क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज़ करने की ज़रूरत है.
अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक से नुकसान की तस्वीर तुरंत सामने आती है और राहत कार्यों की योजना तेजी से बनाई जा सकती है. इधर, किश्तवाड़ ज़िले में भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस लगातार दिन-रात राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है और उन्हें ज़रूरी मदद दी जा रही है. स्थानीय प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय, खाने-पीने की सामग्री और ज़रूरी दवाइयाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं. राहत कार्यों को लेकर इलाके के लोग संतुष्ट नज़र आ रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार और प्रशासन उनकी मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़े रहेंगे.”
“बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग प्रशासन और सुरक्षा बलों के काम से संतुष्ट नज़र आए. कई स्थानीय लोग मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की टीम के सामने अपनी परेशानियाँ और राहत सामग्री की ज़रूरतें साझा करते दिखे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि स्थानीय लोगों की ज़रूरतों को प्राथमिकता दी जाए और उन्हें जल्द से जल्द राहत पहुँचाई जाए. उन्होंने कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा में सबसे अहम है समय पर सही मदद पहुँचना. उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन और सुरक्षा बलों की सराहना की और जनता से अपील की कि वे राहत कार्यों में सहयोग करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें.”
75 लोगों के लापता होने की सूचना
“किश्तवाड़ आपदा में अब तक 46 शवों की पहचान हो चुकी है. कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. हालांकि, हालात इससे कहीं ज़्यादा भयावह हैं. 75 लोगों के लापता होने की जानकारी उनके परिवारों ने दी है. वहीं, स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक आई बाढ़ में सैकड़ों लोग बह गए होंगे. कई के विशाल पत्थरों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब जाने की आशंका जताई जा रही है. राहत दल मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं.”
घर और सरकारी इमारतें, 3 मंदिर, 4 पनचक्की क्षतिग्रस्त
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शामिल हैं. यह आपदा 14 अगस्त को दोपहर लगभग 12:25 बजे मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के आखिरी गांव चशोती में आई. आपदा में एक अस्थायी बाजार, यात्रा के लिए एक लंगर (सामुदायिक रसोई) स्थल और एक सुरक्षा चौकी को तहस-नहस कर दिया. कम से कम 16 आवासीय घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, एक 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज्यादा वाहन भी अचानक आई बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गए.