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संस्कृत में 14 ग्रंथ लिखने वाले उज्जैन के विद्वान डॉ.मुसलगांवकर आज संस्कृति संवाहक सम्मान-2025 से सम्मानित होंगे

उज्जैन

राष्ट्रपति पुरस्कार, पद्मश्री सम्मान, अभा कालिदास सम्मान, राज्य शिखर सम्मान, विद्वत भूषण सम्मान (काशी), विश्व भारती सम्मान सहित अब तक कई सम्मान प्राप्त कर चुके डॉ. केशवराव सदाशिवराव शास्त्री मुसलगांवकर को अब "संस्कृति संवाहक सम्मान 2025" से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें संस्कृति रक्षक मंच द्वारा 22 जनवरी बुधवार को संस्कृति, संस्कृत, शिक्षा और सनातन के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए प्रदान किया जाएगा।

संस्कृति रक्षक मंच के दीपक सैनी ने बताया कि संस्कृति रक्षा और राष्ट्र रक्षा को ध्येय मानकर मंच बीते 15 वर्षों से समाज में निरंतर कार्य कर रहा है। मंच द्वारा आज 22 जनवरी शाम 4 बजे माधव सेवा न्यास परिसर स्थित भारत माता मंदिर के सुदर्शन सभागृह में यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में महामंडलेश्वर आचार्य अतुलेश्वरानंद महाराज (आचार्य शेखर महाराज) उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष शिवेंद्र तिवारी करेंगे, साथ ही अन्य विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहेंगे।

कौन हैं डॉ. मूसलगांवकर
डॉ. मूसलगांवकर वैसे तो बतौर शिक्षक स्कूली शिक्षा से जुड़े रहे, लेकिन उनका लेखन आज कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है। संस्कृत के क्षेत्र में उनकी नवीन व्याख्या शैली के लिए उन्हें विशेष रूप से जाना जाता है। शास्त्रीजी अब तक 14 ग्रंथ लिख चुके हैं, जो दुनियाभर के ग्रंथालयों में उपलब्ध हैं। विक्रम विश्वविद्यालय की एक छात्रा उनके लेखन कार्य पर पीएचडी भी कर रही है।

 

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