जबलपुर में ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल, मामला एक बार फिर HC पहुंचा, कोर्ट ने जिम्मेदारों से माँगा जवाब

जबलपुर 

मप्र हाईकोर्ट में जबलपुर शहर के बंद ट्रैफिक सिग्नल्स और कैमरों बंद होने को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, जबलपुर कलेक्टर, एसपी जबलपुर और निगमायुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को निर्धारित की है।

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि जबलपुर शहर में तकरीबन 26 ट्रैफिक सिग्नल्स लगे हैं, जिनमें अधिकांश गत छह माह से बंद हैं। इसके कारण शहर की यातायात व्यवस्था चौपट हो गई है। सिग्नल्स बंद होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इसके अलावा  कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी बंद पड़े हैं। इससे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की भी पहचान नहीं हो पा रही है। अपराधिक वारदातों को सुलझाने में भी कैमरों की अहम भूमिका रहती है। ट्रैफिक सिग्नल्स तथा सीसीटीवी कैमरा बंद होने के कारण शासन को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। सिग्नल्स तोड़ने वालों पर चालानी कार्यवाही नहीं हो रही है।

याचिका में कहा गया है कि ट्रैफिक सिग्नल्स के संचालन को लेकर जिम्मेदार संस्था एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं, लेकिन उसका समुचित समाधान नहीं कर रहे हैं। शहर में लगे सभी ट्रैफिक सिग्नल का अनुबंध समाप्त हो चुका है। नए अनुबंध न होने के कारण शहर में यातायात व्यवस्था अराजक हो चली है। ब्लूम चौक को पार करने में 35 से 40 मिनट लग रहे हैं। याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। 

 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *