पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल

विंध्य की वादियों से मध्यप्रदेश के पर्यटन को मिलेगा नया आयाम : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

मध्यप्रदेश के पर्यटन क्षेत्र निवेशकों को कर रहे हैं आकर्षित
पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल
पर्यटन राज्यमंत्री लोधी एवं प्रमुख सचिव पर्यटन शुक्ला ने पर्य़टन विशेषताओं से करवाया अवगत
दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का सफलतापूर्वक समापन

भोपाल 

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता से पर्यटन सेक्टर को बढ़ाने के सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है। मध्यप्रदेश सरकार पर्यटन को अर्थव्यवस्था, रोजगार और सांस्कृतिक गौरव का आधार बना रही है। उन्होंने कहा कि किसी क्षेत्र में यदि औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति आ जाये तो उस क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। ऐसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। विंध्य की धरोहर, प्रकृति और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने की अपार संभावनाएं हैं। रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव जैसे आयोजन निवेश, संवाद और भागीदारी के माध्यम से इस दिशा में सार्थक कदम हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ल रविवार को रीवा में दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव के दूसरे दिन प्रथम सत्र के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

कॉन्क्लेव के समापन दिवस पर पर्यटन, निवेश, संस्कृति और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित तीन संवाद सत्र आयोजित किए गए। “वन पथों से विरासत की कहानियों तक : रीवा का पर्यटन पुनर्जागरण”, “मध्यप्रदेश में समग्र पर्यटन अनुभव का निर्माण” और “मध्यप्रदेश में पर्यटन, फिल्म और आतिथ्य क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन के अवसर” पर सत्र हुए। देशभर से आए पर्यटन विशेषज्ञों, निवेशकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने सत्रों में मध्यप्रदेश, विशेष रूप से विंध्य क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर विचार साझा किए।

पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में हमने मध्यप्रदेश में एयर कनेक्टिवटी को बढ़ाते हुए पीएमवायु सेवा योजना के अंतर्गत प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों को एक–दूसरे से जोड़ा है। हम जल्द ही हेली सेवा भी शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति के अंतर्गत निवेश में अनुमतियों को सरल किया गया है। सरकार निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो सीमाओं के बंध में नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की सीमा से विंध्य क्षेत्र जुड़ा हुआ है, रोड, रेल और एयर कनेक्टिवटी काफी बेहतर हैं। मां गंगा से मां नर्मदा तक प्रस्तावित पर्यटन कॉरिडोर परियोजना के तहत मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने का प्रयास है। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे  में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित करने में सहयोग प्राप्त होगा।

म.प्र. पर्यटन विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) के प्रबंध संचालक डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि एमपीएसटीडीसी लगातार आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने का कार्य कर रहा है। हम पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान के साथ ही पर्यटन स्थलों तक आसान पहुंच, ठहरने की उत्तम व्यवस्था और अविस्मरणीय अनुभव के लिए अलग–अलग पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हम ऐसा ईको सिस्टम डेवलप कर रहे हैं, जिससे पर्यटक घर बैठे टिकट्स और स्टे के लिए बुकिंग कर सकते हैं। पर्यटन स्थलों पर हमने एयर और रोड कनेक्टिवटी के साथ विद्युत व्यवस्था भी की है।

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक सुबिदिशा मुखर्जी ने कहा कि "मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड पर्यटन को केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश, सांस्कृतिक संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के साथ देखता है।

विभिन्न सत्रों में पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने रखे विचार

उद्घाटन सत्र में रिस्पांसिबल टूरिज्म सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट राकेश माथुर ने कहा कि पर्यटन और पर्यटकों के बीच ऐसे सेतु के निर्माण की आवश्यकता है, जो हमारी प्रकृति को नुकसान से बचाए। उन्होंने कहा कि हमें अपने व्यवहार में बदलाव लाकर प्रकृति और विरासतों का संवर्धन और संरक्षण करना होगा। ताज सफारीज़ के डायरेक्टर ऑपरेशन्स अतुल पांडे ने कहा कि मध्यप्रदेश में जैव विविधता ने हमेशा से ही पर्यटकों को आकर्षित किया है, यही वजह है कि ताज ग्रुप ने वन और वन्य प्रेमियों को लक्जरी अनुभव प्रदान करते हुए ताज सफारीज के प्रोजेक्ट्स की मध्यप्रदेश में शुरूआत की है। उन्होंने कहा मध्यप्रदेश की टूरिज्म फ्रेंडली नीतियों से ही निवेश के अवसर खुले हैं।

हॉस्पिटैलिटी कंसल्टेंट ऋषि सूर्यापुरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। सरकार की नीतियां निवेशकों के अनुकूल हैं। राज्य सरकार विंध्य क्षेत्र में लगातार सड़क, रेल और एयर कनेक्टिवटी बढ़ा रही है, जो अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। रीवा के पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से देश के कोने–कोने में आधारभूत संरचनाओं का विस्तार किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में अच्छी सड़कों का जाल बिछा है, जिससे निश्चित तौर पर पर्यटन के क्षेत्र को गति मिली है। मेक माय ट्रिप के हेड कॉर्पोरेट अफेयर्स समीर बजाज ने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन क्षेत्र काफी बड़ा क्षेत्र है। मेक माय ट्रिप पर एक तिहाई सर्च मध्यप्रदेश को किया जाता है। दिल्ली, एनसीआर और महाराष्ट्र से सबसे अधिक टूरिस्ट यहां आते हैं।

इंफ्लुएंसर सिद्धार्थ जोशी ने कहा है कि हम चाहते हैं कि पर्यटक केवल कॉटेंट देखे नहीं उसका अनुभव भी प्राप्त करे। तथास्तु रिजॉर्ट्स के संस्थापक अनिल अग्रवाल, माइनर होटल्स के एरिया कमर्शियल डायरेक्टर रोहित चोपड़ा, जंगल कैंप्स इंडिया से गजेन्द्र सिंह राठौर, स्विस ट्रैफलगार से दिगेश अमित दिग्विजय सिंह, फिक्की मप्र टूरिज्म कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह ने भी मध्यप्रदेश की नीतियों की सराहना की।

प्रसिद्ध अभिनेता मुकेश तिवारी ने कहा कि हम मध्यप्रदेश के लोग रेड कार्पेट से नहीं, दिल बिछाकर लोगों का स्वागत करते हैं। हमें प्रकृति ने रचा ही इसलिए है कि हम प्रकृति को बचा पाएं। विश्व की सभी महान हस्तियों के जीवन में यात्रा का विशेष महत्व रहा है। पर्यटन का सही मायनों में अर्थ खोजना है।  

रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र

रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव के दौरान आयोजित प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश की समृद्ध हस्तशिल्प, कला, पर्यटन सेवाओं और पारंपरिक विरासत की विविध झलक देखने को मिली। प्रदर्शनी में धोकरा क्राफ्ट बैतूल, बुंदेली पेंटिंग निवाड़ी, डेट लीफ क्राफ्ट अनूपपुर), ब्रॉन्ज क्राफ्ट उचेहरा, सिक्की आर्ट सीधी, टेराकोटा क्राफ्ट  सहित अनेक पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, मृगनयनी एम्पोरियम रीवा द्वारा मध्यप्रदेश के वस्त्रशिल्प की प्रस्तुति और आईआरसीटीसी, एमटी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स, मोगली रिसॉर्ट्स और तेंदुलीफ रिसॉर्ट्स जैसी प्रतिष्ठित पर्यटन इकाइयों ने भी अपने स्टॉल्स के माध्यम से सेवाएं और संभावनाएं प्रदर्शित कीं। यह प्रदर्शनी स्थानीय कारीगरों, पर्यटन उद्यमियों और आगंतुकों के बीच रचनात्मक संवाद और सहयोग का एक प्रभावी मंच सिद्ध हुई।

 

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