मेडिकल कॉलेज मान्यता घोटाले में तीन डॉक्टर निलंबित, CBI ने पहले ही कर लिया था गिरफ्तार

रायपुर
 रावतपुरा मेडिकल कॉलेज मान्यता मामले में फंसे तीन डॉक्टरों को कर्नाटक की मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने निलंबित कर दिया है। ये सभी डॉक्टर मेडिकल कालेज का निरीक्षण करने जुलाई महीने में रायपुर आए थे। इस दौरान सीबीआई की टीम ने मान्यता दिलाने के एवज में 55 लाख रुपये रिश्वत के साथ कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया था।

निलंबित डॉक्टरों में राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद की सदस्य डॉ.चैत्रा एमएस, एसोसिएट प्रोफेसर (अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु),डॉ. मंजप्पा सीएन, प्रोफेसर और प्रमुख (आर्थोपेडिक्स विभाग, मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज),डॉ. अशोक शेलके, असिस्टेंट प्रोफेसर (कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, बीदार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) शामिल है।

डॉक्टरों पर नवा रायपुर स्थित रावतपुरा चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान संस्थान के लिए पाजिटिव इंस्पेक्शन रिपोर्ट जारी करने का आरोप है। जांच में सामने आया कि इंस्पेक्शन प्रोग्राम और मूल्यांकनकर्ताओं की पहचान कॉलेज को पहले ही लीक कर दी गई थी। संस्थान ने रिकार्ड और दस्तावेज पहले से तैयार कर लिए ताकि मानकों को पूरा करता हुआ दिखाया जा सके। इस तरीके से कॉलेज को सीट मंजूरी मिल गई।

इस मामले में कुल 34 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने नामजद एफआइआर दर्ज किया है। इनमें मंत्रालय, नेशनल मेडिकल कमीशन और कई अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

गौरतलब है कि मामले के खुलासे के बाद सीबीआई ने आरोपी डॉक्टरों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। साथ ही इस वर्ष के लिए रावतपुरा चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान संस्थान की मान्यता को रद्द करते हुए इस वर्ष जीरो इयर घोषित कर दिया गया है। इस साल प्रदेश के रावतपुरा कॉलेज को मान्यता नहीं मिलने के कारण मेडिकल की सीटें कम हो गई। जिसके बाद प्रदेश के 3 निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई गई हैं।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *