पश्चिमी रिंग रोड में नई गाइडलाइन के दोगुना मुआवजा दिए जाने पर किसानों और प्रशासन के बीच सैद्धांतिक सहमति बनी

इंदौर
बहुप्रतीक्षित पश्चिमी आउटर रिंगरोड परियोजना को लेकर एक बड़ी बाधा अब दूर हो गई है। जमीन अधिग्रहण को लेकर असहमति जता रहे किसान अब सर्वे के लिए तैयार हो गए हैं। नई गाइडलाइन के दोगुना मुआवजा दिए जाने पर किसानों और प्रशासन के बीच सैद्धांतिक सहमति बन गई है। इसके साथ ही परियोजना को लेकर लंबे समय से रुकी प्रक्रिया अब फिर से गति पकड़ने जा रही है। सहमति बनने के बाद मंगलवार से दो टीमें सर्वे का काम शुरू करेगी।

पश्चिम रिंग रोड को लेकर रेसीडेंसी कोठी में जिला प्रशासन, एनएचआई और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई। बैठक में नई गाइडलाइन का दोगुना मुआवजा देने पर सहमति बन गई। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि किसानों को पुरानी गाइडलाइन पर अवार्ड पारित होगा, लेकिन आर्बिटेशन के माध्यम से नई गाइडलाइन का दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। 15 दिन में किसानों को अवार्ड पारित होगा। वहीं आरबीडेशन की प्रक्रिया डेढ माह में पूरी करेंगे। इस पर किसानों के साथ सहमति बन गई है। मंगलवार से टीमें सर्वे का काम शुरू करेगी। वर्षाकाल से पहले निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा, ताकि वर्षाकाल से पहले काफी काम पूरे किए जा सके।
 
विरोध के कारण अटका था काम
करीब आठ माह पूर्व इस परियोजना का टेंडर किया गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण में किसानों की असहमति के कारण कार्य आगे नहीं बढ़ सका। किसानों की मांग थी कि उन्हें उचित दर पर मुआवजा दिया जाए। किसान बाजार मूल्य का दोगुना मुआवजा मांग रहे थे। किसानों के विरोध के कारण प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया रोक दी थी। अब ग्रामीण क्षेत्रो में कृषि भूमि की गाइडलाइन सर्वाधिक बड़ी है। ऐसे में किसान बड़ी गाइडलाइन के दो गुना मुआवजे पर सहमत हो गए।

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