रिपोर्ट: भूविज्ञानी के हवाले से बताया है कि म्यांमार में आए भूकंप से 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली

म्यांमार
म्यांमार और थाईलैंड सहित दक्षिण एशिया के कई देशों में शुक्रवार को आए भूकंप ने तबाही मचा दी। 28 मार्च को आए इस शक्तिशाली 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद स्थिति अब तक सामान्य नहीं हो पाई है। म्यांमार में 1600 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है और बचाव दल कर्मी लगातार मलबों की तलाशी में जुटे हैं। वहीं पड़ोसी देश थाईलैंड में भी भारी नुकसान हुआ है जहां अधिकारियों के मुताबिक 17 लोगों की मौत हो गई है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक म्यांमार में केंद्रित इस भूकंप के एक दर्जन से ज्यादा झटके बाद में महसूस किए गए हैं। जानकारों के मुताबिक भूकंप का झटका 300 परमाणु बम फूटने जितना शक्तिशाली था।

शनिवार को भी म्यांमार में कम से कम दो भूकंप आए हैं जिनमें से एक की तीव्रता 5.1 और दूसरे की 4.2 थी। रिपोर्ट ने एक भूविज्ञानी के हवाले से बताया है कि म्यांमार में आए भूकंप से 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली। रिपोर्ट में भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने बताया, "इस तरह के भूकंप से निकलने वाली शक्ति लगभग 334 परमाणु बमों के बराबर होती है।" एक अन्य विशेषज्ञ ने बताया कि भूकंप पृथ्वी पर एक बड़े चाकू से वार जैसा था।

सड़कों पर रात बिता रहे लोग
इस बीच म्यांमार में हर ओर तबाही का मंजर छाया हुआ है। करीब 3400 लोगों के घायल होने की खबर है और लोग अपने लापता परिजनों को खोजने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। वहीं भूकंप के बाद आ रहे झटकों की वजह से बहुत से लोग सड़कों पर रात बिता रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के मुताबिक नुकसान और भूकंप के झटकों के डर से लोगों को घर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं हुई।

10,000 से अधिक मौतों की आशंका
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वर्तमान में मरने वालों की संख्या 1,600 से अधिक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह आंकड़ा 10,000 से अधिक तक पहुंच सकता है। यूएसजीएस ने यह भी बताया है कि अनुमानित आर्थिक नुकसान म्यांमार की जीडीपी से ज्यादा हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नुकसान के बाद मांडले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

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