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पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या का 34 दिन बाद खुलासा, पुजारी ने कराई थी सीतापुर के पत्रकार की हत्या

सीतापुर
यूपी के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या का 34 दिन बाद गुरुवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। आठ मार्च को महोली से सीतापुर आते समय हेमपुर ओवरब्रिज पर पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पत्रकार की हत्या की सुपारी यहां के एक पुजारी बाबा शिवानंद उर्फ विकास राठौर ने दी थी। मामला पुजारी के कुकर्म से जुड़ा है। पुलिस ने बाबा के साथ सुपारी लेने वाले निर्मल सिंह और असलम गाजी को गिरफ्तार कर लिया है। पत्रकार की हत्या करने वाले शूटर अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।

मामले का खुलासा करते हुए एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही थी। इसी बीच सामने आया कि पत्रकार राघवेन्द्र वाजपेयी का महोली क्षेत्र में स्थित कार्यदेव मंदिर पर लगातार आना-जाना था। यहां के मंदिर में ही पुजारी के रूप में रह रहे विकास राठौर उर्फ विकास मिश्रा उर्फ शिवानन्द (बाबा) से राघवेन्द्र की दोस्ती हो गई थी। पुलिस के अनुसार पुजारी बाबा मंदिर की व्यवस्था में मदद करने वाले एक नाबालिग बच्चे के साथ पिछले कुछ महीनों से कुकर्म कर रहा था।

मंदिर जाने के दौरान पत्रकार ने पुजारी को नाबालिग बालक के साथ संबंध बनाते देख लिया था। बाबा को भय था कि राघवेंद्र उसके ये कुकृत्य जगजाहिर कर देगा। उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा और मंदिर में मिला स्थान छिन जाएगा। पुजारी बाबा ने अपने कुकर्म के उजागर होने के डर से पत्रकार को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। मंदिर पर बीच-बीच में आने वाले दो अपराधियों निर्मल सिंह और असलम गाजी से संपर्क किया। बाबा ने पत्रकार की हत्या के लिए दोनों को चार लाख रुपए नकद दिए। दोनों ने जिले के दो शूटरों से संपर्क करके उनको तीन लाख रुपए दिए और घटना को अंजाम दिलाया। थाना महोली और एसओजी पुलिस ने पुजारी बाबा और सुपारी लेने वाले निर्मल और असलम गाजी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस शूटरों को गिरफ्तार करने में जुटी है।

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