अकाली दल में टूट की आहट, 90 प्रतिशत नेता एकसाथ छोड़ सकते हैं पार्टी

जालंधर
शिरोमणि अकाली दल की जालंधर शहरी इकाई में गहरा आंतरिक संकट खड़ा हो गया है। जिला स्तर पर प्रधान की नियुक्ति में वरिष्ठ नेताओं और समर्पित कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी के विरोध में आज लगभग 90 प्रतिशत जिला, सर्कल और विंग स्तर के नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

डेलीगेट स्तर पर हुए इस विरोध में जिला अकाली दल के वरिष्ठ पदाधिकारी, बी.सी. विंग और एस.सी. विंग के ज़िला प्रधान, शहरी अकाली दल के नेता, सर्कल प्रधान और अन्य ज़िम्मेदार पदाधिकारी शामिल रहे। नेताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी में स्वार्थी, मौकापरस्त और दल-बदलू नेताओं को तरजीह दी जा रही है, जबकि वर्षों से वफादारी और मेहनत से जुड़े कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी हो रही है। 

नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह फैसला पार्टी के सिद्धांतों और संगठन की मजबूती के विरुद्ध है और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस्तीफा देने वालों में रणजीत सिंह राणा (पी.ए.सी. सदस्य), परमजीत सिंह रेरू (पूर्व पार्षद), हरिंदर ढींढसा (युवा अकाली दल), सतिंदर सिंह पीता (बी.सी. विंग ज़िला प्रधान), भजन लाल चोपड़ा (एस.सी. विंग ज़िला प्रधान) समेत लगभग 150 से अधिक प्रमुख नेता और कार्यकर्त्ता शामिल हैं।

महिला नेताओं में बलविंदर कौर लुथरा, सतनाम कौर, लखविंदर कौर, रीता चोपड़ा, पुष्पा देवी, आशा रानी, मनजीत कौर और अन्य महिलाओं ने भी इस सामूहिक त्यागपत्र दे दिया। पार्टी में इस सामूहिक इस्तीफे ने ज़िला संगठन को झकझोर कर रख दिया है और भविष्य में इससे उपजी राजनीतिक स्थिति पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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