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जज ने दिया सीता-लक्ष्मण का उदाहरण, फिर दिया फैसला, दुष्कर्म के आरोपी देवर को उम्रकैद और एक लाख जुर्मना

बरेली
बरेली में भाभी से दुष्कर्म करने के दोषी ठहरे देवर को अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में श्रीरामचरित मानस के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा- एक देवर लक्ष्मण थे जो देवी सीता की चरण वंदना करते थे, पर दोषी ने भारतीय सामाजिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर दिया। महिला घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। इस दौरान न्यायाधीश ने कविता भी सुनाई।

घटना सीबीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी 10 वर्ष पूर्व हुई थी, लेकिन कोई संतान नहीं हुई। पति दूसरे शहर में मजदूरी करते हैं। वह घर में अकेली रहती है। देवर ने उसे झांसा दिया कि मेरे दो बच्चे हैं, पत्नी फिर गर्भवती है। उससे होने वाला तीसरा बच्चा उसको दे देगा। इसके एवज में वह पीड़िता से जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा। उससे 90 हजार रुपये भी ले लिए। पीड़िता ने जब बच्चा लेने से मना कर दिया और दिए हुए रुपये वापस मांगे तो वह गाली-गलौज करने लगा।

पीड़िता के मुताबिक, 19 जनवरी 2023 को रात 10 बजे उसका देवर, भांजे व एक अन्य के साथ घर में घुस आया। देवर ने उसके साथ दुष्कर्म किया और भांजे ने उसका वीडियो बना लिया। पीड़िता के शोर मचाने पर वह जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की। 15 जून 2023 को आरोपपत्र दाखिल किया। अभियोजन की ओर से सात गवाह और आठ साक्ष्य पेश किए गए। न्यायालय ने दो आरोपियों को बरी कर दिया। देवर को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।

 

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