संपूर्ण भारत और वैश्विक पटल पर मध्य प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल के रूप में रेखांकित करना हमारी प्राथमिकता
मध्यप्रदेश पर्यटन की असीम संभावनाओं वाला प्रदेश
पिछले साल 14 करोड़ से अधिक पर्यटकों का हुआ आगमन
पर्यटन के उत्कृष्ट कार्यों के लिये विभाग को पिछले 2 वर्षों में 18 से अधिक पुरस्कारों और सम्मानों से किया गया सम्मानित
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा देश
900 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से 20 सांस्कृतिक और धार्मिक लोकों का निर्माण
वैश्विक पटल पर 10 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों और भोपाल, इंदौर एवं महेश्वर को क्रिएटिव सिटी के रूप में विकसित करना सरकार की प्राथमिकता
प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना हमारा लक्ष्य
भोपाल
पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का सांस्कृतिक पुर्नजागरण हो रहा है। डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में हमारी सरकार प्रदेश के सांस्कृतिक अभ्युदय के लिए प्रतिबद्ध है। पर्यटन की दृष्टि से मध्यप्रदेश संपूर्ण भारत में एवं वैश्विक पटल पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल के रूप में रेखांकित हो ऐसी हमारी प्राथमिकता है। आने वाले समय में निश्चित ही आपको पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में अनेक अद्वितीय कार्य देखने को मिलेंगे। भारत के कुल 69 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से 18 विरासत स्थल मध्यप्रदेश में हैं। विगत 2 वर्षों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 400 से अधिक होमस्टे का निर्माण कर प्रारंभ किये गये हैं। जिनसे ग्रामीण परिवारों को 7 करोड़ से अधिक का व्यवसाय प्राप्त हुआ है। सरकार का लक्ष्य 1000 हजार होम स्टे निर्माण करने का है। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिये रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव और मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट जैसे बड़े आयोजन किये गये हैं। इन आयोजनों के माध्यम से लगभग 10 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं। राज्य मंत्री श्री लोधी मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सभागार में विकास और सेवा के 2 वर्ष पर केन्द्रित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर अपर प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड डॉ. अभय अरविंद बेडेकर, संचालक संस्कृति विभाग श्री एन. पी. नामदेव तथा विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।
राज्य मंत्री श्री लोधी ने कहा कि ओमकारेश्वर को अद्वैत लोक के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसके प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है तथा द्वितीय चरण में अद्वैत लोक के निर्माण हेतु रूपये 2424 करोड़ से अधिक राशि की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। पर्यटन के क्षेत्र में सरकार द्वारा जो विकास कार्य एवं नवाचार किये गये हैं, उसी का परिणाम है कि पिछले साल मध्यप्रदेश की धरती पर 14 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ है तथा प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो देश में सर्वाधिक है। पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिये विभाग को पिछले 2 वर्षों में 18 से अधिक पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है। प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये हमारी सरकार द्वारा 900 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से 20 सांस्कृतिक और धार्मिक लोकों का निर्माण किया जा रहा है, जो लगभग पूर्णता की ओर है। विगत 2 वर्षों में सरकार द्वारा भगवान श्री राम को समर्पित श्री रामचन्द्र वनगमन पथ की संकल्पना को मूर्त रूप प्रदान किया गया है, और युग अवतार भगवान श्री कृष्ण पर केंद्रित श्री कृष्ण पाथेय योजना की संकल्पना को स्वीकृति प्रदान की गई है।
सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिलों का साहित्यिक गैजेटियर तैयार किये जा रहे हैं। विगत 2 वर्षों में 15 जिलों के साहित्यिक गैजेटियर तैयार किये जा चुके हैं। इसके साथ ही हमारी सरकार द्वारा उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, सागर, पन्ना, जबलपुर, महेश्वर जैसे अनेक स्थानों पर विशिष्टता को सम्मिलित करते हुये पूरे प्रदेश में संग्रहालयों की एक नवीन श्रृंखला का निर्माण किया जा रहा है। संस्कृति के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने 8 विश्व कीर्तिमान स्थापित किये हैं। विगत 2 वर्षों में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत लगभग 25 हजार तीर्थ यात्रियों को लाभान्वित किया गया है। इसके साथ हीं विगत 2 वर्षों में 132 शासन संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार भी हमारी सरकार द्वारा किया गया है। आने वाले समय में हमारा लक्ष्य प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये आने वाले समय में 500 नये होटलों के माध्यम से 20 हजार कक्षों और 500 मार्ग सुविधा केन्द्रों का निर्माण किया जाएगा। समावेशी विकास एवं सेफ टूरिज्म के लिए 50 हजार महिलाओं और बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। वैश्विक पटल पर 10 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों और भोपाल, इंदौर एवं महेश्वर को 'क्रिएटिव सिटी' के रूप में विकसित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
दो वर्षों की उपलब्धियाँ
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 20 ट्रेनों का सफल संचालन कर 16 हजार तीर्थयात्रियों को लाभान्वित किया गया।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 08 ट्रेनों का सफल संचालन कर 6 हजार 400 तीर्थयात्रियों को लाभान्वित किया गया।
25 वायुयानों से 800 यात्रियों को लाभान्वित किया गया।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
विगत दो वर्षों में शासन संधारित 132 मंदिरो के जीर्णोद्धार के कार्य स्वीकृत किये गये।
शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों के लिये लगभग 32 करोड़ का अनुदान आबंटित किया गया है।
शासन संधारित देवालयों में पुजारियों के लिये उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किये गये।
पुजारियों के मानदेय में वृद्धि की गई।
शासन संधारित देवस्थानों का दस्तावेजीकरण
प्रदेश के सभी जिलों में स्थित शासन संधारित देवस्थानों का दस्तावेजीकरण किया गया। जिसका डिजिटलाइजेशन का कार्य प्रकियाधीन है।
नवाचार
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग एवं स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर के बीच विरासत संरक्षण, रेट्रोफिंटिंग और स्मारकों के पुनर्वास, मंदिर परिसरों और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के दायरे में आने वाली सुविधाओं सहित परामर्श सेवाओं के सभी पहलुओं को शामिल कर समझौता एम.ओ.यू. किया गया।
पर्यटन विभाग
दो वर्षों की उपलब्धियाँ
नई पर्यटन नीति -2025 एवं नई फिल्म पर्यटन नीति -2025
मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिये नई पर्यटन नीति 2025 बनाई गई, जिसके तहत पर्यटन के क्षेत्र में निवेश से संबंधित प्रावधानों को अधिक पारदर्शी और सरल किया गया ।
मध्यप्रदेश में फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने तथा इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिये नई फिल्म पर्यटन नीति 2025 बनाई गई, जिसके तहत फिल्म निर्माण से संबंधित अनुमतियों एवं अनुदान संबंधी अधिक पारदर्शी प्रावधान किये गये हैं, साथ ही स्थानीय विषयों एवं मध्यप्रदेश की संस्कृति एवं विरासत से संबंधित विषयों पर फिल्म निर्माण हेतु अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की गई है।
अंतरराज्यीय पर्यटन वायु सेवा एवं पर्यटन हेली सेवा का प्रारंभ
मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों को वायुसेवा से जोड़ने के लिये पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा प्रारंभ की गई है।
पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा से मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सिंगरौली, खजुराहो, उज्जैन एवं सतना को जोड़ा गया।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘पर्यटन हेली सेवा’ प्रारंभ की गई है, जिससे प्रदेश को तीन सेक्टर में बांटकर सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों को वायु सेवा से जोड़ा गया है।
विश्व धरोहर विस्तार
वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश के 15 और स्थलों को यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया गया यह दर्शाता है कि राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता विश्व मानकों पर खरा उतरती है। भारत के कुल 69 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से 15 विरासत स्थल मध्यप्रदेश में हैं।
ओरछा, माण्डू एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में सम्मिलित करने हेतु नॉमिनेशन डोजियर यूनेस्को को प्रस्तुत।
भेड़ाघाट एवं लम्हेटाघाट को विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित करने हेतु नॉमिनेशन डोजियर शीघ्र प्रस्तुत किया जा रहा है।
अधोसंरचना विकास
कुशाभाऊ कन्वेशन सेन्टर, भोपाल को अंतर्राष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर के रूप में विकसित किए जाने का कार्य प्रारंभ (राशि रू. 99.38 करोड़)
उज्जैन में हेरीटेज होटल सम्राट विक्रमादित्य, शहडोल में सरसी आईलैण्ड एवं पचमढ़ी में होलट निलाम्बर स्काई लाइन का संचालन प्रारंभ किया गया।
विभाग द्वारा अभिनव पहल करते हुये प्रदेश में महिलाओं द्वारा संचालित एकमात्र एमपीटी होटल अमलतास, पचमढ़ी का संचालन प्रारंभ किया गया।
तीन नवीन फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट का निर्माण किया गया ।
ओरछा अ मेडिवल स्पलेंडर का कार्य प्रारंभ (राशि रू. 99.92 करोड़)
फूलबाग क्षेत्र ग्वालियर, चित्रकूट के घाट, पीताम्बरा पीठ दतिया, अमरकंटक, दुर्गादास की छतरी का विकास का कार्य रूपये 300 करोड़ की लागत से प्रारंभ किये गये।
चंदेरी में देश के प्रथम क्राफ्ट टूरिज्म विलेज का निर्माण किया गया है। महेश्वर एवं कुक्षी (घाट) में कार्य प्रारंभ किए जा चुके हैं।
विगत 2 वर्षों में पूरे प्रदेश में 8000 से अधिक कक्षों का निर्माण नवीन होटलों एवं रिजॉर्ट्स में कराया गया। नागरिक अधोसंरचना परियोजनाओं की निगरानी के लिये कार्य प्रबंधन साफ्टवेयर एवं पट्टे पर दी गई सम्पत्तियों के रख रखाव के लिये लीज प्रबंधन साफ्टवेयर का उपयोग प्रारंभ किया गया।

