इंदौर के बीएसएफ म्यूजियम की शान बनी सदी पुरानी ऐतिहासिक रिवाल्वर

इंदौर
 केंद्रीय शस्त्र और रणनीति स्कूल बीएसएफ में बने हथियारों के संग्रहालय में कई प्रमुख और पुराने हथियारों का संग्रहित है। अब झारखंड के चाईबासा से जुड़े रूंगटा परिवार की एतिहासिक रिवाल्वर संग्रहालय की शान बढ़ाएगी।

चाइबासा निवासी रूंगटा भाइयों की ओर से पिता सीताराम रूंगटा की स्मृति को जीवंत रखने के लिए सीएसडब्ल्यूटी संग्राहालय को रिवाल्वर .45 वेबली मार्क-वी दान की गई है। यह रिवाल्वर साल 1914 का माडल है, जिसे इंग्लैंड की कंपनी द्वारा बनाया गया था। जानकारी के अनुसार, इसका उपयोग प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के दौरान ब्रिटिश सेना द्वारा किया जाता था।

राम रुंगटा के नाम पर थी यह रिवाल्वर
यह रिवाल्वर एनएल रुंगटा के पिता सीता राम रुंगटा के नाम थी। उनका 1994 में निधन हो गया था। इसके बाद इसे आर्म्स डीलर के पास जमा करवा दिया गया था। इसी बीच दो साल पूर्व रुंगटा परिवार ने कोलकाता के एक अखबार में सीएसडब्ल्यूटी हथियार संग्रहालय पर एक लेख पढ़ा था, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने रिवाल्वर बंदूक संग्रहालय को सौंपने का निश्चय किया।

रुंगटा परिवार ने हमारे झारखंड ब्यूरो के प्रतिनिधि को बताया कि जिला शस्त्र मजिस्ट्रेट, चाईबासा, झारखंड से अनुमति प्राप्त होने के बाद यह रिवाल्वर सीएसडब्ल्यूटी बीएसएफ इंदौर के डीआईजी सह कार्यवाहक महानिरीक्षक राजन सूद की उपस्थिति में दान की गई है।

नान सर्विसेबल की गई बंदूक

बता दें कि यह बंदूक पूर्व में चालू अवस्था में थी। इसे दान करने से पूर्व सभी औपचारिकरताएं पूरी की गई और इसे नान सर्विसेबल किया गया। ताकि इसका दोबारा उपयोग न किया गया जा सके। अब यह बंदूक सीएसडब्ल्यूटी बीएसएफ इंदौर के शस्त्र संग्रहालय में सुरक्षित रखी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि यह संग्रहालय बीएसएफ के पुराने संग्रहालयों में से एक है, जिसकी स्थापना सन् 1967 में सीमा सुरक्षा बल के प्रथम महानिदेशक केएफ रूस्तम द्वारा की गई थी। संग्रहालय में 300 से अधिक हथियार प्रदर्शित किए गए हैं। इसमें 14 वीं शताब्दी से लेकर वर्तमान तक उपयोग में लाए जा रहे विभिन्न प्रकार के छोटे हथियार शामिल हैं।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *