मुहर्रम जुलूस: शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सभी जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए

प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 11 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण मास को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां पूरी कर ली हैं। 6 जुलाई को मुहर्रम का जुलूस भी निकाला जाएगा। इसे शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सभी जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। कांवड़ यात्रा और मोहर्रम को लेकर सुरक्षा, स्वच्छता और अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है।

डीएम प्रयागराज रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि कांवड़ मार्गों पर सड़कों की मरम्मत, प्रकाश व्यवस्था और स्वच्छता के लिए इंजीनियरिंग विभाग और नगर प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। संगम से वाराणसी तक जाने वाले प्रमुख मार्ग, जहां कांवड़िए जल लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर जाते हैं, उनकी मरम्मत शुरू हो चुकी है।

डीएम के मुताबिक, कांवड़ यात्रा के दौरान मांस और शराब की दुकानें बंद रहेंगी। डीजे की ध्वनि को भी नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। दशाश्वमेध घाट, जहां कांवड़िए जल भरने आते हैं, वहां महाकुंभ के लिए बने नए पक्के घाट से श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। घाट पर जल पुलिस, एसडीआरएफ और गोताखोरों की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। डीएम ने बताया कि शहर के प्रमुख शिवालयों जैसे मनकामेश्वर, सोमेश्वर और अन्य मंदिरों में साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

मोहर्रम के दौरान ताजियों की ऊंचाई 10 फीट से अधिक न हो, यह निर्देश दिया गया है ताकि बिजली के तारों से दुर्घटना न हो। बीते वर्षों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए इस बार पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं। ताजिया जुलूसों के लिए भी शांति समिति की बैठकों में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डीएम रवींद्र कुमार मांदड़ ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी कांवड़ मार्गों को चिह्नित कर उनकी मरम्मत शुरू की गई है। थाना और तहसील स्तर पर शांति समितियों की बैठकें हो चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि प्रयागराज प्रशासन ने दोनों आयोजनों को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

 

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