तेजस्वी यादव ने कहा-चुनाव आयोग जब चुनाव की तिथि घोषित करता है, उससे पहले भाजपा के आईटी सेल को पता होता है

पटना
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के फिर से नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल उठाने पर सियासत गर्म हो गई है। उन्होंने एक लेख के जरिए भाजपा पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनावों में 'मैच फिक्सिंग' की गई और अब कुछ ऐसा ही बिहार में दोहराया जाएगा।

राहुल गांधी के इस लेख के प्रकाशित होने के बाद चुनाव आयोग ने इसे निराधार बताया। हालांकि राजद राहुल गांधी के साथ खड़ी नजर आ रही है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने बिल्कुल सही आशंका जताई है। शंका तो लोगों को होती ही है। 2014 से जितनी भी संवैधानिक संस्थाएं हैं, उन्हें हाईजैक कर रखा है। चुनाव आयोग जब चुनाव की तिथि घोषित करता है, उससे पहले भाजपा के आईटी सेल को पता होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को ईमानदारी से चुनाव कराना चाहिए और अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। जब ये संस्थाएं बर्बाद हो जाएंगी, तो लोगों को न्याय कहां मिलेगा। उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय तो हमलोग सरकार बना चुके थे। शाम में उन्होंने काउंटिंग को रुकवा दिया और रात के अंधेरे में काउंटिंग को शुरू किया और तीन-तीन बार प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सफाई दी। चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी की सरकार के प्रकोष्ठ की तरह काम कर रहा है, तो सवाल उठाने जायज हैं।

इधर, बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावारू के तेजस्वी यादव को महागठबंधन के सीएम फेस नहीं होने, बल्कि उन्हें सिर्फ को-ऑर्डिनेशन कमेटी का चेयरमैन बनाने के बयान पर खुद तेजस्वी यादव ने कहा कि किसी को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है और न ही किसी को चिंता करने की कोई जरूरत है। हम सब लोग सरकार बनाने के लिए नया बिहार बनाएंगे। 

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