लुधियाना
नगर निगम में फर्जी तरीके से ए.टी.पी. व एम.टी.पी. की कुर्सी पर बैठने वालों की छुट्टी होगी, जिसके तहत सरकार ने सी.डी.सी. चार्ज वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है। इस मामले में खुलासा हुआ है कि नगर निगम में सरकार की मंजूरी के बिना एस.ई. रंजीत सिंह को एम.टी.पी. का चार्ज दिया गया है। इसके अलावा 4 रैगुलर ए.टी.पी. खाली बैठे होने के बावजूद इंस्पैक्टर गुरविंद्र सिंह लक्की, कुलजीत मांगट, नवनीत खोखर व हैड ड्राफ्ट्समैन जगदीप सिंह को ए.टी.पी. का चार्ज दिया गया है।
यह हालात खाली बैठे रैगुलर ए.टी.पी. राज कुमार, रणधीर सिंह, सुनील कुमार, निरवाण को तो मजाक का पात्र बना ही रहे हैं, इससे करैंट ड्यूटी चार्ज देने बारे सरकार के निर्देशों का भी उल्लंघन हो रहा है जिसके मद्देनजर लोकल बॉडीज विभाग द्वारा नगर निगम प्रशासन को फटकार लगाई गई है। इस संबंध में जारी सर्कुलर में साफ कहा है कि किसी भी मुलाजिम को करैंट डयूटी चार्ज देने के लिए पर्सोनल विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन किया जाए जिसके आधार पर किसी भी मुलाजिम को सी.डी.सी. चार्ज देने पर रोक लगा दी गई है और जिन मुलाजिमों को एडीशनल चार्ज दिया गया है, उसे तुरंत वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं।
इस आर्डर में यह भी क्लीयर कर दिया गया है कि किसी मुलाजिम को सी.डी.सी. चार्ज देने वाले आफिसर की जिम्मेदारी होगी। अब देखना यह है कि गलत तरीके से दिया गया ए.टी.पी. व एम.टी.पी. का चार्ज वापस लेने के मामले में कमिश्नर द्वारा क्या फैसला किया जाएगा।
नेताओं की सिफारिश पर तोड़े जा रहे हैं नियम
जहां तक नगर निगम में ए.टी.पी. व एम.टी.पी. को सी.डी.सी. चार्ज देने के नियमों के उल्लंघन का सवाल है, उसके लिए नेताओं की सिफारिश का हवाला दिया जाता है जिसका सबूत यह है कि नगर निगम में मुलाजिमों की पोस्टिंग जोन की जगह हल्का वाइज की जा रही है और नेताओं की पसंद के मुताबिक ही कुछ देर बाद मुलाजिमों की ट्रांसफर कर दी जाती है। इस दौर में अब सी.डी.सी. चार्ज देने बारे सरकार के ऑर्डर लागू करने के मामले में अफसरों के सामने नेताओं की सिफारिश को नजरअंदाज करने की चुनौती भी आ गई है।

