देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूती, नौसेना के फ्लीट सपोर्ट शिप की आधारशिला रखी गई

चेन्नई
भारतीय नौसेना के तीसरे फ्लीट सपोर्ट शिप्स (एफएसएस) के 'कील लेइंग' समारोह का आयोजन यहां बुधवार को कट्टुपल्ली में एल एंड टी शिपयार्ड में किया गया। 
जहाज का निर्माण कार्य शुरू करने की प्रक्रिया 'कील लेइंग' कहलाती है और यह एक औपचारिक समारोह के साथ शुरु होती है जिसे 'कील लेइंग' समारोह कहते हैं। शुक्रवार को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) (रक्षा) की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि समारोह युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन और भारतीय नौसेना, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) एवं एलएंडटी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नौसेना ने अगस्त 2023 में पांच फ्लीट सपोर्ट शिप्स (एफएसएस) के अधिग्रहण के लिए एचएसएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसकी आपूर्ति 2027 के मध्य में शुरू होगी। देश की जहाज निर्माण क्षमता का प्रभावी ढंग से उपयोग करने और आपूर्ति की कठोर समयसीमा को पूरा करने के लिए एचएसएल ने मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली को दो जहाजों के निर्माण का उप-अनुबंध दिया है।

विज्ञप्ति के अनुसार, ''नौसेना में शामिल होने पर एफएसएस समुद्र में बेड़े के जहाजों की पुनःपूर्ति के माध्यम से भारतीय नौसेना की क्षमताओं को मजबूत करेगा। ये जहाज ईंधन, पानी, गोला-बारूद और अन्य सामग्री ले जाएंगे जो समुद्र में बेड़े के दीर्घकालिक और निरंतर संचालन को सक्षम बनाते हैं, जिससे इसकी पहुंच और गतिशीलता में वृद्धि होती है।'' विज्ञप्ति में कहा गया है, ''अपनी सहायक भूमिका में ये जहाज प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कर्मियों को निकालने और राहत सामग्री के शीघ्र वितरण के वास्ते मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों के लिए सुसज्जित होंगे।'' स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित यह युद्धपोत भारतीय मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) से प्राप्त प्रमुख उपकरणों से सुसज्जित है।

 

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