सहकारी संस्थाओं के व्यवसाय विविधीकरण पर राज्य स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

भोपाल 
सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था से गांव व किसान को जोड़ने की दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जो जन-धन योजना लागू की है, इसका मुख्य उद्देश्य गांव व किसान को देश की अर्थव्यवस्था से जोड़ना है। इसके सकारात्मक परिणाम आज हमारे सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व एवं केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में निरंतर “सहकार से समृद्धि’’ के मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि इसका अनुसरण करते हुए हम स्वर्णिम मध्यप्रदेश के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नवाचार के विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करते हुए प्रदेश की प्रगति के लिये काम कर रहे हैं। मंत्री श्री सारंग अपेक्स बैंक के समन्वय भवन में भांडागारण विकास और विनियामक प्राधिकरण के माध्यम से सहकारी संस्थाओं के व्यवसाय विविधिकरण पर अपेक्स बैंक, सहकारिता विभाग एवं विनियामक प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि जब तक अर्थव्यवस्‍था आम आदमी के दरवाजे से नहीं निकलेगी, तब तक मजबूती नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हम किसानों को समृद्ध करना चाहते हैं, तो पहले हमें पैक्स (प्राथमिक कृषि सहाकारी समितियों) को समृद्ध बनाने की दिशा में प्रयास करने होंगे। यह कार्यशाला निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी। श्री सारंग ने कहा कि जिला बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से अपेक्षा करता हॅूं कि वे मध्यप्रदेश की प्रत्येक पैक्स को डब्ल्यू.आर.डी.ए. (भांडागारण विकास और विनियामक प्राधिकरण) का सदस्य बनाने के प्रयास आज से ही आरंभ कर दें, जिससे कि आगे चलकर प्रदेश के किसानों को दूरदराज अंचलों में परेशान न होना पड़े व अपने नजदीकी डब्ल्यू.आर.डी.ए. के सदस्य वेयर हाउस में अपनी उत्पाद को सुरक्षित रख लाभान्वित हों, जब तक भण्डारण व्यवस्थित नहीं होगी, तब तक किसानों को उसका फायदा नहीं मिल सकेगा ।

कार्यशाला में श्री सारंग ने अपेक्स बैंक द्वारा प्रकाशित मानक परिचालन प्रक्रिया वेयर हाउसिंग डेव्हलेपमेंट एण्ड रेग्यूलेटरी अथॉरिटी की योजनान्तर्गत वेयर हाउस पंजीकरण की पुस्तक का विमोचन भी किया तथा प्रदेश में गोदाम बनाने की योजना पर कार्य करने के लिये स्टेट वेयर हाउसिंग प्रबंध संचालक श्री अनुराग वर्मा, म.प्र. राज्य सहकारी संघ के प्रबंध संचालक श्री ऋतुराज रंजन तथा सहकारिता विभाग के नवाचार प्रकोष्ठ के संयुक्त आयुक्त श्री महेन्द्र दीक्षित को अधिकृत किया।

आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक श्री मनोज पुष्प ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान हम किसानों को प्रशिक्षित करें कि वे अपने उत्पाद को कैसे बेहतर ढंग से रख सकते हैं और डिजीटली किस प्रकार बेच सकते हैं, आज की यह कार्यशाला एग्रो प्रोसेसिंग व मार्केंटिंग की दिशा में अत्यन्त उपयोगी है। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो इस प्रकार की कार्यशाला हम संभाग व जिला स्तर पर भी आयोजित करेंगे।

कार्यशाला में श्री अरूण कुमार श्रीवास्तव, सदस्य, डब्ल्यू.डी. आर.ए. ने कहा कि वर्ष 2051 तक हमारे देश की जनसंख्या 170 करोड़ हो जायेगी व मध्यप्रदेश की लगभग 12 करोड़, जो देश का लगभग 6.3 प्रतिशत होगी। मध्यप्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन लगभग 338 लाख मी.टन है, जो भारत के खाद्यान्न उत्पादन का लगभग 12.10 प्रतिशत है। भारत वर्ष 2051 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा। उन्होंने कहा कि इस मान से प्रदेश में वेयर हाउस के गोदामों के लिये एक सुनियोजित योजना बनाने की दिशा में प्रयास किये जायें।

सी.डब्ल्यू.सी. क्षेत्रीय प्रबंधक श्री रामकुमार ने बताया कि यदि केन्द्रीय वेयर हाउसिंग में डब्ल्यू.डी.आर.ए. के अन्तर्गत देश के 50 हजार गोदाम यदि रजिस्टर्ड हो जायें तो किसान आपके द्वार तक आ जायेंगे। इससे आपकी साख भी बढ़ेगी और किसान के साथ आप भी हमारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे, हमारा उद्देश्य वेयर हाउस केन्द्रों को लाभ का केन्द्र बनाना है। इससे किसानों के उत्पाद सुरक्षित होंगे और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से भी बचा जा सकता है।

कार्यशाला में श्री विनीत गुप्ता, नेशनल ई-रिपोजिटरी लिमिटेड, श्री जसवीर गोदारा, एवीपी सीसीआरएल, श्री संजय अग्रवाल ने अपनी डिजीटल व्यवसाय प्रणाली पर विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में सहकारिता विभाग के संयुक्त/उप/सहायक आयुक्त, जिला बैंकों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वेयर हाउस व एफपीओ के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न सहकारी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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