विशेष रिपोर्ट: पंजाब की धरती खो रही उर्वरता, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

गुरदासपुर 
जिला गुरदासपुर में रावी और ब्यास दरिया द्वारा किसानों को हो रहे नुकसान का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। जहां पहले ही किसानों की धान और गन्ने की फसलें भारी तबाही का शिकार हो चुकी हैं, वहीं अब भी किसानों की उपजाऊ जमीनें दरिया में समा रही हैं।

गुरदासपुर जिले के पुराना शाला नजदीकी इलाके में ब्यास दरिया ने अब नया रास्ता अपना लिया है। पुराने रास्ते से बहने की बजाय अब यह लगातार किसानों की ज़मीन को काट रहा है। किसानों द्वारा बोई गई गन्ने की फसल पानी की लपेट में आने से बर्बाद हो रही है। यहां तक कि किसानों के खेत भी दरिया में समा रहे हैं, जिससे किसान बेहद मायूस नजर आ रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के ब्लॉक प्रधान गुरप्रताप सिंह ने बताया कि इस सीजन में ब्यास दरिया लगातार किसानों की जमीनें निगल रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग द्वारा लगाई गई रोकें दरिया के सामने बेबस नजर आ रही हैं और दरिया रोजाना किसानों की जमीन को काटते हुए धुसी की ओर बढ़ रहा है।उन्होंने बताया कि दलेलपुर खेड़ा और जगतपुर सहित आसपास के कई इलाकों में दरिया का तेज बहाव निरंतर जमीनों को नुकसान पहुंचा रहा है। किसानों के कमरों और ट्यूबवेलों को भी भारी नुकसान हुआ है। जहाँ किसानों की फसलें तबाह हो चुकी हैं, वहीं उनका और कीमती सामान भी दरिया की लपेट में आ चुका है।
 
उन्होंने कहा कि किसान इस समय दोहरी मार झेल रहे हैं एक तरफ उनकी फसलें और संपत्ति दरिया में डूब गई हैं, तो दूसरी ओर उनकी जमीनें भी अब दरिया में मिलकर लुप्त हो चुकी हैं, जिनकी वापसी संभव नहीं दिखती। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दरिया ने इसी तरह तेजी से अपना रुख बदलना जारी रखा तो वह दिन दूर नहीं जब इसका पानी धुसी बांध को भी अपनी चपेट में ले लेगा।

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