सत्ता परिवर्तन के संकेत? राजद ने कहा— भाजपा-नीतीश गठबंधन अब अंतिम दौर में

पटना 
बिहार की सियासत में इन दिनों 'विधायकों की टूट' और 'कुर्सी के खेल' को लेकर घमासान मचा हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दावों और प्रति-दावों का दौर जारी है। जहां एनडीए (NDA) खेमा राजद के 25 विधायकों के टूटने की बात कह रहा है, वहीं राजद ने हुंकार भरी है कि सत्ता पक्ष के 65 विधायक उनके संपर्क में हैं।

नीतीश कुमार को हटाने का 'प्लान'
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। राजद का आरोप है कि भाजपा बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपने ही सहयोगी दलों को कमजोर कर रही है। इसी कड़ी में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी 'राष्ट्रीय लोक मोर्चा' (RLM) में मचे घमासान को सीएम की कुर्सी हथियाने के खेल से जोड़कर देखा जा रहा है।
 
कुशवाहा की पार्टी में कलह की वजह
आरएलएम में विवाद तब गहराया जब उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बना दिया गया। इससे पार्टी के विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। विधायकों की नाराजगी उस समय सार्वजनिक हो गई जब वे कुशवाहा द्वारा आयोजित 'लिट्टी भोज' से नदारद रहे और उनकी भाजपा नेता नितिन नवीन से मुलाकात की तस्वीरें वायरल हुईं।

बीजेपी और आरएलएम का पलटवार
इन आरोपों पर भाजपा ने इसे आरएलएम का आंतरिक मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया है। वहीं, आरएलएम प्रवक्ता ने दावा किया कि तीनों विधायक पार्टी के प्रति समर्पित हैं और व्यक्तिगत कारणों से भोज में शामिल नहीं हो सके थे। फिलहाल, बिहार की राजनीति में मचे इस उथल-पुथल ने आगामी चुनावों से पहले नए समीकरणों की आहट दे दी है।

 

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