भोपाल
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले के पांचवें दिन रविवार को कॉन्फ्रेन्स हॉल में केता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन में प्रदेश की विभिन्न प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधक, वन-धन केन्द्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया एवं उनके क्षेत्रों में संग्रहित लघु वनोपजों जैसे- आंवला, अमलतास फली, भृंगराज, पचांग, मुई आंवला, हर्रा कचरिया, भिलावा, गिलोय, बायबडंग, नागरमोथा, गोरखमुण्डी, हिंगोट, देवदाली, बेलगूदा, पलाश गोंद, कटसरैया इत्यादि की उपलब्धता की जानकारी दी गई। वन मेले में अब तक 1 करोड़ रूपये से अधिक के हर्बल औषधियों और वन उत्पादों की बिकी हो चुकी है।
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में पांचवें दिन आयोजित क्रेता विक्रेता सम्मेलन में मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ की एमडी डॉ. समीता राजोरा ने बताया कि वनोपज सहकारी समितियों और वन-धन केन्द्रों के प्रतिनिधियों द्वारा दि गई जानकारी के आधार पर लघु वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र उच्च गुणवत्ता की औषधियों के क्रय का अनुबंध किया जायेगा। सम्मेलन में मुख्य वन संरक्षक श्री अशोक कुमार, प्रबंधक लघु वनोपज संघ श्रीमती नेहा श्रीवास्तव एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती गीतांजली जे. उपस्थित रहीं ।
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले की लोकप्रियता अब चरम पर पहुंच गई है। राजधानी के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों से आने वाले सैलानियों के लिये यह मेला और यहां उपलब्ध आयुर्वेदिक उत्पादों के प्रति रुझान स्पष्ट झलक रहा है। विंध्य हर्बल एम.एफ.पी. पार्क द्वारा निर्मित शहद, च्यवनप्राश, त्रिफला, अर्जुन चाय और अन्य स्वास्थ्यवर्धक औषधियों की अब तक 4 लाख रुपये से अधिक की बिक्री हो चुकी है। प्रदर्शनी की भव्यता एवं इनके द्वारा तैयार किये गये गुणवत्ता युक्त नवीन उत्पादों व उत्पादों की नवीन पैकिंग देखकर इन्हें खरीदने में आगंतुकों ने खासी रूचि दिखाई।
रविवार को आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिवरों में जांच एवं उपचार के लिये आयुर्वेद चिकित्सकों एवं नाड़ी वैद्यों से परामर्श के लिये बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। मेला प्रबंधन द्वारा बुजुर्गों एवं चलने में असमर्थ व्यक्तियों के लिए व्हील चेयर एवं गोल्फ कार्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिसकी सराहना की जा रही है। निःशुल्क चिकित्सा परामर्श के लिये स्थापित ओ.पी.डी. में 120 आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं नाड़ी वैद्यों ने 400 से अधिक मरीजों को निःशुल्क परामर्श देकर लाभान्वित किया। निःशुल्क ओ.पी.डी. आने वाले दिनों में भी मेला अवधि में जारी रहेगी।
रविवार को वन मेले में शालेय विद्यार्थियों के एकल और समूह नृत्य प्रतियोगिता में 11 विद्यालयों के 117 विद्यार्थियों ने भाग लिया। दोपहर बाद सैलानियों न कठपुतली शो, पंजाबी भांगडा, ऑर्केस्ट्रा का आनन्द लिया और शाम 7.00 बजे से सुप्रसिद्ध प्ल बैंक सिंगर श्री नीरज श्रीधर, बॉम्बे वाइकिंग्स की मनोरंजन से भरपूर म्यूजिकल प्रस्तुति हुई। प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को लघु वनोपज संघ की एमडी डॉ. समीता राजोरा ने पुरस्कार प्रदान किये।
सोमवार 22 दिसम्बर के कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में पूर्वान्ह 10.30 से 3.00 बजे तक विद्यार्थियों की इन्स्ट्रुमेंटल म्यूजिक की प्रस्तुति और अपरान्ह 3.00 से 3.45 बजे तक लोकसंगीत की प्रस्तुति होगी। अपरान्ह 3.00 से 5.00 बजे तक आयुर्वेदिक चिकित्सकों, पारम्परिक वैद्यों और फील्ड अधिकारियों के साथ परिचर्चा आयोजित की जायेगी। अपरान्ह 4.30 से 6.30 बजे तक बायोडायवर्सिटी बोर्ड द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता, चित्रांशु म्युजिक ऑर्केस्ट्रा और सायं 7.00 से 10.00 बजे तक विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जायेगी।

