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उद्योगों की गति पर राहुल गांधी का सकारात्मक बयान, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा— ‘थैंक्यू’

नई दिल्ली 
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच हल्की नोक-झोंक सामने आई है। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट में कर्नाटक सरकार की तारीफ की थी। उनकी यह तारीफ आईफोन निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन द्वारा तेजी से लगाई गई फैक्ट्री और केवल 9 महीनों में करीब 30 हजार कर्मचारियों के भर्ती के संदर्भ में थी। इसमें से 80 फीसदी महिलाएं हैं। हालांकि, राहुल गांधी की इस तारीफ को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेक इन इंडिया की तारीफ बताते हुए धन्यवाद कह दिया।
 
राहुल गांधी के फेसबुक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर इस उपलब्धि का श्रेय केंद्र की मोदी सरकार को दिया। उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करने के लिए राहुल गांधी का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में यह भी स्वीकार किया है कि भारत एक उत्पादक अर्थव्यवस्था बन रहा है।" वैष्णव ने कहा कि मेक इन इंडिया के जरिए देश की निर्माण क्षमता मजबूत हुई है और भारत वैश्विक स्तर पर लगातार उत्पादन का केंद्र बनता जा रहा है।

क्या कहा था गांधी ने?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को फेसबुक पर एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कर्नाटक सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने लिखा, "सिर्फ आठ-नौ महीनों में 30 हजार कर्मचारियों की भर्ती, यह भारत में अब तक का सबसे तेज फैक्ट्री रैंप अप है।" अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राहुल ने लिखा, "यह सिर्फ आंकड़े नहीं है, यह रोजगार को बढ़ाने के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है। इस यूनिट को बड़े पैमाने पर महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह उपलब्धि इसे और भी ज्यादा खास बनाती है। कई युवतियों के लिए यह उनकी पहली नौकरी है। कर्नाटक एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहा है, जहां मैन्यूफैक्चरिंग इस स्तर और रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही है।"

गांधी ने कहा, "यही वह भारत है, जिसे हम बनाना चाहते हैं गरिमा के साथ सभी के लिए नौकरी का अवसर।" गौरतलब है कि ताइवान स्थित फॉक्सकॉन एप्पल के उपकरणों की कॉन्ट्रेक्ट मैन्युफैक्चरर है। भारत में बड़े पैमाने पर इसका प्लांट लगाया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह फैक्ट्री एप्पल की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह चीन पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहती है।

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