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डीएसपी से एसपी पद पर नहीं होगा प्रमोशन, हेमंत सरकार को झटका, ‘सरकार की प्रमोशन वाली सूची गलत’

रांची
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की पीठ में डीएसपी से एसपी पद पर प्रोन्नति (प्रमोशन) के खिलाफ दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के प्रोन्नति से रोक हटाने के आग्रह को नहीं माना और रोक बरकरार रखा। अदालत ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तिथि निर्धारित की। सरकार की ओर से विशेष आग्रह पर इस मामले की सुनवाई हुई। सरकार ने अदालत से प्रोन्नति और इसकी प्रक्रिया से रोक हटाने का आग्रह किया गया, लेकिन अदालत ने इस आग्रह को नहीं माना। हाई कोर्ट ने 26 मार्च को प्रोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाई थी।

'सरकार की प्रमोशन वाली सूची गलत'
इस संबंध में रजतमणि बाखला एवं अन्य ने याचिका दायर की है। प्रार्थियों के अधिवक्ता आकाशदीप और विक्रम सिन्हा ने अदालत को बताया कि सरकार ने डीएसपी पद पर तैनात नौ अधिकारियों को एसपी में प्रोन्नति देने के लिए सूची भेजी है। यह सूची गलत है।

आखिर लिस्ट में क्या है दिक्कत?
सूची में तीन डीएसपी शिवेंद्र, राधा प्रेम किशोर, मुकेश महतो का भी नाम शामिल है। इन तीनों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनके खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है और सीबीआई ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। दागी डीएसपी का नाम प्रोन्नति के लिए सरकार ने भेजा है, जबकि जिन अधिकारियों पर कोई आरोप नहीं है, उनका नाम प्रोन्नति के लिए नहीं भेजा गया है। नियम के तहत जिस अधिकारी पर आपराधिक मामला चल रहा है, उसका नाम प्रोन्नति के लिए नहीं भेजा जा सकता है। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को नियुक्ति प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया था।

हाई कोर्ट से जुड़ी एक और अहम खबर
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में जैन धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल को संरक्षित करने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार, राज्य सरकार के प्रतिनिधि और प्रार्थी को पारसनाथ पहाड़ का स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट के बाद हाई कोर्ट मामले में आदेश पारित करेगा। इस संबंध में जैन धर्मावलंबियों की अहमदाबाद की संस्था ज्योत ने याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि पिछले कई वर्षों से पारसनाथ पहाड़ पर शराब एवं मांस की बिक्री हो रही है। लोग यहां पिकनिक मनाने भी आते हैं। कुछ अनधिकृत निर्माण भी किए जा रहे है। राज्य सरकार इस पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।

राज्य सरकार इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है। धार्मिक स्थल पर शराब एवं मांस की बिक्री होने से जैन धर्मावलंबियों की भावनाएं आहत हो रही हैं। यहां आंगनबाड़ी स्कूलों में बच्चों को भोजन में अंडे भी दिए जा रहे हैं।

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