Headlines

प्रधानमंत्री मोदी ने शून्य-बैलेंस खातों ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की नींव रखी इसका फायदा सीधे गरीबों के खातों में पहुंचा :CM यादव

भोपाल

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह पर तंज कसा। अपनी टिप्पणी में डॉ. यादव ने कहा कि शून्य-बैलेंस खाता (zero balance account) क्या होता है, देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ये भी नहीं जानते थे।

बकौल डॉ. मोहन यादव, वह (मनमोहन सिंह) आरबीआई के गवर्नर और वित्त मंत्री भी रहे, बहुत बड़े अर्थशास्त्री थे, विदेश की डिग्री थी, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा कि बिना पैसे के भी जीरो बैलेंस में बैंक में खाता खोला जा सकता है, लेकिन नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, उन्होंने यह बात सोची और जीरो बैलेंस में खाते खुलवाए।

आगे कहा, उनके कार्यकाल में डीबीटी का शुभारंभ हुआ, जिससे शासन की कार्यशैली में व्यापक स्तर पर पारदर्शिता आई है। आज हितग्राहियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से पूरा पैसा पहुंच रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मनमोहन सिंह कहते थे- गांवों में सड़क क्यों बनाएं, गांव के लोग तो बैलगाड़ी से चलते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू हुई। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से देश की चारों दिशाओं को जोड़ गया।

उन्होंने शिक्षित वर्ग की ओर संकेत करते हुए जोड़ा कि जिनके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जब जमीन बदलती है, तो किताबों से नजर हटाकर थोड़ा जमीन की हकीकत भी देख लेनी चाहिए।

मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे- केंद्र सरकार एक रुपये भेजती है तो आम आदमी तक केवल 15 पैसे पहुंचता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस व्यवस्था को नीति नहीं, बल्कि नीयत से ठीक किया। वर्ष 2013 से पहले इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया था। अब 25,000 रुपये सीधे मेधावी विद्यार्थियों के खातों में पहुंचे हैं।

 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *