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एमपी बजट को लेकर मोहन सरकार की तैयारी, मार्च के पहले सप्ताह में हो सकता पेश

भोपाल
मोहन सरकार का दूसरा बजट मार्च के पहले सप्ताह में विधानसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है। बजट सत्र की तिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जापान दौरे से लौटने के बाद निर्धारित कर दी जाएगी। 24-25 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने के कारण सत्र तीन मार्च सोमवार से प्रारंभ किया जा सकता है।

एक अप्रैल से वित्तीय वर्ष 2025-26 प्रारंभ हो जाएगा। इसके पहले सरकार को विधानसभा से बजट पारित कराना होगा। विभागवार अनुदान की मांगों पर चर्चा कराकर विनियोग विधेयक पारित कराने में लगभग 15 दिन लगेंगे। फिर राज्यपाल की अनुमति से राजपत्र में अधिसूचित करना होगा।

सीएम के लौटते ही तिथि तय हो जाएगी

मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के विदेश प्रवास से लौटते ही सत्र की तिथि निर्धारित हो जाएगी। विधायकों को प्रश्न तथा अन्य प्रस्ताव देने के लिए 25 दिन का समय मिलेगा।

सत्र में बजट के साथ ही नगरीय विकास एवं आवास सहित अन्य विभागों के संशोधन विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे।

बजट की तैयारियों में जुटी मोहन सरकार

प्रदेश की मोहन सरकार का फरवरी के अंतिम या मार्च के प्रथम सप्ताह में प्रस्तुत होने वाला बजट युवा, महिला, गरीब और किसान पर केंद्रित होगा। इन वर्गों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर वित्तीय प्रविधान रहेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि इन वर्गों को लेकर संचालित केंद्रीय योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ हितग्राहियों को दिलाने के लिए तीन वर्ष की कार्ययोजना बनाएं। इसके अनुसार ही बजट प्रविधान प्रस्तावित करें। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जनवरी के अंतिम सप्ताह में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बजट की तैयारियों को लेकर बैठक करेंगे।

तीन लाख करोड़ से अधिक का बजट
प्रदेश का वर्ष 2024-25 का बजट 3 लाख 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। 22 हजार करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के माध्यम से भी विभागों को अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई गई है। इसे देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि वर्ष 2025-26 का बजट चार लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो चार जातियां गरीब, किसान, युवा और महिला, बताई हैं, उसको ही केंद्र में रखा जाएगा।

बजट का खाका भी युवा, महिला, गरीब और किसानों के लिए चलाए जाने वाले मिशन को आगे बढ़ाने की दृष्टि से खींचा जा रहा है। सभी विभागों में इन चारों वर्गों के लिए संचालित योजनाओं के लिए आवश्यकता के अनुसार प्रविधान होंगे। बजट में इन्हें अलग से प्रदर्शित भी किया जाएगा और एक विभाग को नोडल बनाया जाएगा। यह ठीक कृषि, चाइल्ड और जेंडर बजट जैसा होगा। इसमें अलग से बताया जाता है कि किस वर्ग के लिए क्या वित्तीय प्रविधान किए गए हैं।

रोजगार बढ़ाने पर फोकस
सूत्रों का कहना है कि बजट में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने, स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था के लिए प्रविधान प्रस्तावित किए जाएंगे। किसानों के लिए धान में प्रोत्साहन राशि प्रति हेक्टेयर दो हजार रुपये रखने के साथ प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भी राशि रखी जाएगी। इसी तरह महिला और गरीबों के लिए प्रविधान होंगे। 15 जनवरी तक इसका खाका तैयार कर माह के अंत में मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राथमिकता से प्रविधान
प्रदेश में लागू किए जाने वाले चार मिशन के लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित चिंतन बैठक में युवा, महिला, गरीब और किसानों के लिए संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया। केंद्रीय योजनाओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बजट में राज्यांश रखा जाएगा। उधर, वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी योजनाएं, जिनकी प्रकृति एक जैसी है, उन्हें आपस में मिलाने पर विचार किया जाए। साथ ही जिनके लक्ष्य पूरे हो चुके है, उन्हें बंद किया जाएगा।

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