SIR को लेकर सियासी संग्राम, सीएम सोरेन ने बुलाई रणनीतिक बैठक

पटना

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विपक्षी दल लगातार सत्तारुढ़ पार्टी बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाये हुए है। विपक्षी दलों का आरोप है कि, चुनावों में फायदा उठाने के लिए बीजेपी के इशारे पर ECI (चुनाव आयोग) काम कर रहा है। आरजेडी आरोप लगा रही है कि, इस प्रक्रिया के माध्यम से बड़े पैमाने में मतदाता सूची से लोगों का नाम काटकर उन्हें चुनाव से दूर रखने की साजिश बीजेपी और ECI रच रहे हैं। वहीं कुछ दिनों पहले ECI ने घोषणा कर दी की SIR को पूरे देश में लागू किया जायेगा। इस घोषणा के बाद से विपक्ष ने बीजेपी पर हमले और तेज कर दिए हैं। अलग-अलग गैर बीजेपी शासित राज्य अपने-अपने विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे है। इन राज्यों में प.बंगाल और झारखंड और दक्षिण भारत के राज्य शामिल हैं। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने तो इसकी तैयारी भी कर ली है।

जानकारी के अनुसार झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में हेमंत सोरेन सरकार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की तैयारी में है। गुरुवार को सत्तारूढ़ महागठबंधन की संयुक्त बैठक में इसकी रणनीति बनी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एसआईआर को मताधिकार का हनन बताते हुए इसका पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया गया।

विपक्ष लगा रहा ये आरोप
इससे पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी थी। सत्तारूढ़ गठबंधन चार अगस्त को सदन में प्रस्ताव लाएगा और इसे पारित कर केंद्र सरकार को भेजेगा। बैठक में एसआईआर को राजनीतिक षड़यंत्र करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गैर भाजपा शासित राज्यों में इसे थोपने का आरोप लगाया गया। नेताओं ने इसे गरीब और कमजोर वर्गों के मतदाताओं को मतदान से वंचित करने की साजिश बताया। बिहार में गैर भाजपा दल पहले से ही इसका विरोध कर रहे हैं, जहां इसे संविधान प्रदत्त मताधिकार पर हमला माना जा रहा है। गौरतलब है कि, SIR के खिलाफ विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दाखिल की है जिसपर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रहा है।

सदन में उपस्थिति पर जोर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायकों को सत्र के दौरान सदन में उपस्थित रहने और विपक्ष के हावी होने के प्रयासों का मुकाबला करने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने पर जोर दिया।

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