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रमजान में भोपाल में सिर्फ भाईजान की दुकान से सामान खरीदे, वायरल मैसेज से गर्माया सियासी पारा

भोपाल

मध्य प्रदेश में रमजान का पवित्र महीना शुरू होते ही सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें मुस्लिम समुदाय से सिर्फ मुस्लिम दुकानदारों से सामान खरीदने की अपील की जा रही है. इस मैसेज ने सूबे की सियासत को गरमा दिया है. हालांकि, मुस्लिम समाज के कई लोगों ने इसे गलत परंपरा करार देते हुए कहा है कि वे ऐसे संदेशों पर ध्यान नहीं देंगे और समाज को बांटने की कोशिशों को नाकाम करेंगे.

  रमज़ान की शुरुआत के साथ अगले 30 दिन तक रोज़ेदार अल्लाह की इबादत में जुटे रहेंगे और ईद के साथ इसे पूरा करेंगे. इस बीच, भोपाल में मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए मुस्लिमों से केवल मुस्लिम दुकानदारों से खरीदारी करने का अभियान चलाया जा रहा है. एक 'X' यूज़र इबरार अहमद ने लिखा, "अस्सलामुअलैकुम. रमज़ान का मुबारक महीना आ गया है. खरीदारी सोच-समझकर करें, खास तौर पर उनसे जो आपकी खरीदारी से रमज़ान और ईद खुशी से मना सकें." आजतक की टीम ने भोपाल में कई लोगों से बात की, जिन्होंने ऐसे मैसेज दिखाए लेकिन कहा कि वे इन पर अमल नहीं करेंगे.

सियासी बवाल
इस मैसेज पर सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी विधायक और पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने तंज कसते हुए कहा, "जब हिंदुओं के कुंभ में मुस्लिमों को दुकान लगाने से रोकने की बात होती है, तो खूब हल्ला मचता है. लेकिन अब ये पार्टियां चुप क्यों हैं?"

वहीं, कांग्रेस ने इसे चिंताजनक बताया. MP कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा, "पिछले 10 सालों में माहौल इतना खराब हो गया है कि लोग धर्म के आधार पर खरीदारी की बात कर रहे हैं. यह समाज के लिए खतरनाक है."

पहले भी हुई थी ऐसी अपील
पिछले साल दिवाली पर भी हिंदुओं से 'अपना त्यौहार, अपनों के साथ' हैशटैग के साथ हिंदू दुकानदारों से खरीदारी की अपील हुई थी. अब रमज़ान में इसी तरह का कैंपेन सामने आने से दोनों पक्षों में बहस छिड़ गई है. बीजेपी इसे विपक्ष की चुप्पी से जोड़ रही है, जबकि कांग्रेस इसे सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बता रही है.

भाईचारे पर सवाल
त्यौहार आमतौर पर भाईचारे का प्रतीक होते हैं, लेकिन इस तरह के मैसेज से समाज को बांटने की कोशिशें चिंता का विषय बन गई हैं. सामाजिक विश्लेषकों का कहना है कि ऐसी हरकतों पर लगाम लगाना जरूरी है, वरना सामाजिक तनाव बढ़ सकता है. फिलहाल, यह मामला मध्य प्रदेश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है.

 

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