योगी सरकार में पुलिस भर्ती ने बनाया रिकॉर्ड, इससे पहले पुलिस विभाग में 2.19 लाख से अधिक भर्तियां

लखनऊ
इस साल के आखिरी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों युवाओं को 2026 का बड़ा तोहफा दिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस एवं समकक्ष पदों पर सीधी भर्ती-2025 के तहत कुल 32,679 पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा जारी इस अधिसूचना ने साफ संकेत दिया है कि योगी सरकार में रोजगार केवल घोषणा नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली प्रक्रिया बन चुका है। पुलिस बल को मजबूत करने के साथ-साथ युवाओं को स्थायी और सम्मानजनक रोजगार देने की दिशा में यह एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। 

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू
भर्ती बोर्ड के अनुसार अभ्यर्थी 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन से पहले उम्मीदवारों को बोर्ड की वन टाइम रजिस्ट्रेशन यानी ओटीआर प्रणाली में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही है। ओटीआर के जरिए एक बार पंजीकरण कराने के बाद अभ्यर्थियों को बार-बार दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और संसाधनों दोनों की बचत होगी।

योगी सरकार में पुलिस भर्ती का नया रिकॉर्ड
योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में पुलिस भर्ती अब अभियान का रूप ले चुकी है। साल 2025 में ही 60,244 पदों पर सिपाही भर्ती पूरी की गई थी और अब 32,679 नई भर्तियों की घोषणा ने यह साफ कर दिया है कि सरकार कानून-व्यवस्था के साथ-साथ युवाओं के भविष्य को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इससे पहले पुलिस विभाग में 2.19 लाख से अधिक भर्तियां कर कानून व्यवस्था और रोजगार, दोनों मोर्चों पर योगी सरकार ने मजबूत नींव तैयार की है। बीते वर्षों में लंबित पड़ी भर्तियों को गति देने, चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने और समयबद्ध नियुक्ति सुनिश्चित करने पर सरकार का फोकस लगातार मजबूत हुआ है।

युवाओं में भरोसा, कानून व्यवस्था में मजबूती
लगातार हो रही भर्तियों से जहां प्रदेश के युवाओं में भरोसा बढ़ा है, वहीं पुलिस बल की संख्या और क्षमता में भी इजाफा हो रहा है। सरकार का मानना है कि मजबूत पुलिस व्यवस्था ही सुरक्षित उत्तर प्रदेश की नींव है। पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया ने उन आशंकाओं को भी खत्म किया है, जो पहले पुलिस भर्तियों को लेकर सामने आती थीं। योगी सरकार के दौरान मेरिट आधारित चयन, तकनीकी निगरानी और समय पर परिणाम अब नई पहचान बन चुके हैं।

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