बादल फटने से किश्तवाड़ में मची तबाही, मलबे में दबे लोग, 10 के मारे जाने की आशंका

किश्तवाड़ 
जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के पद्दार इलाके में बृहस्पतिवार को बादल फटने से कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना जिले के चशोती इलाके में हुई। यह हादसा तीर्थयात्रा मार्ग पर हुआ, जिससे इलाके में अफरातफरी फैल गई। जहां बादल फटने की घटना हुई है वह रास्ता मचैल माता के मंदिर की ओर जाता है। इस मार्ग पर हर साल हजारों श्रद्धालु मचैल माता के दर्शन के लिए जाते हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी मिलने के बाद किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा – “अभी-अभी जम्मू-कश्मीर के विपक्ष के नेता और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से एक जरूरी संदेश मिलने के बाद किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की। चशोती क्षेत्र में भीषण बादल फटने की घटना हुई है, जिसमें भारी जनहानि की आशंका है। प्रशासन तुरंत सक्रिय हो गया है, बचाव दल मौके के लिए रवाना हो चुका है। नुकसान का आकलन और आवश्यक बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है। मेरे कार्यालय को लगातार अपडेट मिल रहे हैं, सभी संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।”

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और राहत-बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा – “किश्तवाड़ के चिशोती में बादल फटने की घटना से दुखी हूं। मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अधिकारियों को राहत-बचाव कार्य को मजबूत करने और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।”

देश में इन दिनों भारी मॉनसूनी बारिश हो रही है, जिसका सबसे ज्यादा असर पहाड़ी इलाकों में देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। हाल ही में चमोली जिले के नंदप्रयाग में बारिश के बाद हुए भूस्खलन से सड़क मार्ग बंद हो गया था। जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि सड़क को खोलने का काम चल रहा है, जबकि जिले की अन्य सड़कें फिलहाल सुचारू हैं।

उत्तरकाशी में 5 अगस्त को हुए बादल फटने और फ्लैश फ्लड के बाद धराली और हरसिल गांव में भारी तबाही हुई थी। कीर गाड़ क्षेत्र के गांव में आए भीषण मलबे और पानी के बहाव से कई घर बह गए थे। प्रशासन ने हरसिल को उत्तरकाशी से जोड़ने वाले पुल का पुनर्निर्माण कर दिया है, जिससे राहत सामग्री और मशीनरी की आवाजाही आसान हो गई है।

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