पतंजलि का आयुर्वेदिक इनोवेशन, दन्त कांति गंडूष ऑयल पुलिंग हुआ बाजार में उपलब्ध

हरिद्वार
पतंजलि ने आज इंडियन डेंटल एसोसिएशन की उपस्थिति में दन्त कांति गंडूष ऑयल पुलिंग नामक उत्पाद लांच किया। यह उत्पाद आयुर्वेद ग्रंथों में उल्लेखित गंडूष विधि पर आधारित है। आयुर्वेद में इसे ‘दिनचर्या’ का अभिन्न हिस्सा माना गया है। स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण की उपस्थिति में उत्पाद लॉन्चिंग इंडियन डेंटल एसोसिएशन, उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ. राजीव बंसल, सचिव डॉ. विश्वजीत वालिया, कोषाध्यक्ष डॉ. वैभव पाहवा के कर-कमलों द्वारा किया गया।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह उत्पाद पतंजलि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के तीन वर्षों के अथक पुरुषार्थ और समर्पण का परिणाम है। दन्त कांति गंडूष ऑयल पुलिंग केवल एक दैनिक क्रिया नहीं, यह एक चिकित्सा विज्ञान है, जो आज के समय की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि चरक संहिता व सुश्रुत संहिता जैसे आयुर्वेद के मूल ग्रंथों में गंडूष को मुँह के स्वास्थ्य की प्रमुख प्रक्रिया के रूप में वर्णित किया गया है। यह पतंजलि की दंत कांति शृंखला का नवीनतम और अभिनव उत्पाद है।

उन्होंने कहा कि इसमें तुम्बरू तेल है, जो दाँतों व मसूड़ों को मजबूत करता है। लौंग तेल है, जो दांत के दर्द में राहत प्रदान करता है। पुदीना तेल, मुँह की दुर्गंध का नाश करता है। नीलगिरी तेल है, जोकि एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर है, और बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकता है, साथ ही तुलसी तेल जीवाणुनाशक होने के कारण दाँतों को सड़न और संक्रमण से बचाता है। 

अनावरण समारोह में इंडियन डेंटल एसोसिएशन से जुड़े डॉ.गुरप्रीत ओबेरॉय, पतंजलि हॉस्पिटल के दंत विभाग प्रमुख डॉ. कुलदीप सिंह, पतंजलि अनुसन्धान संस्थान के उपाध्यक्ष एवं प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय उपस्थित रहे।

 

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