पहलगाम आतंकी हमले के समर्थक को ‘बांग्लादेशी’ द्वारा अगवा, असम पुलिस पर हमले में 10 गिरफ्तार

 लखीमपुर

असम के लखीमपुर जिले में पुलिस पर हमले और आतंकी समर्थक कंटेंट पोस्ट करने के आरोपी को जबरन छुड़ाने का मामला सामने आया है। इस मामले में बांग्लादेशी मूल के 10 लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार यह हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध था।

घटना 27 दिसंबर को लखीमपुर के बोंगालमोरा इलाके में हुई। पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि बहारुल इस्लाम सोनापुर क्षेत्र में छिपा हुआ है। बहारुल इस्लाम पर पहलगाम आतंकी हमले के समर्थन में पोस्ट करने का आरोप है। उसने फर्जी अकाउंट से पोस्ट की थीं, जिसमें आतंकी हमले की तारीफ की गई थी। वह लंबे समय से फरार था।

खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने उसे सोनापुर इलाके में ट्रेस कर हिरासत में लिया। लेकिन जैसे ही पुलिस उसे ले जाने लगी, 10 से अधिक लोगों की भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया। लाठी-डंडों से लैस भीड़ ने पुलिस को पीटा और आरोपी को जबरन छुड़ा लिया।

 रिपोर्ट के मुताबिक, लखीमपुर के एसएसपी गुनेन्द्र डेका ने बताया- आतंकी हमले के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर समर्थन किया था। बहारुल इस्लाम उनमें से एक था। उसे पकड़ने पर अताबुर रहमान के नेतृत्व में एक समूह ने पुलिस टीम पर हमला कर उसे छुड़ा लिया। यह एक सुनियोजित हमला था।

इस हमले में सब-इंस्पेक्टर गोकुल जॉयश्री और वाहन चालक को गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अफाजुद्दीन, इकरामुल हुसैन, फखरुद्दीन अहमद, नूर हुसैन, गुलजार हुसैन, नजरुल हक, काजिमुद्दीन, एमडी अब्दुल हमीद, बिलाल हुसैन और अताबुर रहमान के रूप में हुई है।

पुलिस के मुताबिक इनमें से कई का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से है। पुलिस ने बताया कि बहारुल इस्लाम को पहले फर्जी सोने के एक मामले में भी पकड़ा गया था। वह भीड़ द्वारा छुड़ाए जाने के बाद फिर से अंडरग्राउंड हो गया है। एसएसपी डेका ने कहा- उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं। घटना के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

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