यूक्रेन
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा देने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध जीत लिया है और यूक्रेन पराजित हो चुका है। ओर्बन का कहना है कि अब असली सवाल यह है कि पश्चिमी देश कब और किन परिस्थितियों में इस सच्चाई को स्वीकार करेंगे। ओर्बन का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन होने वाला है। हंगरी के प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि वह यूक्रेन को सैन्य सहायता देने के खिलाफ हैं, क्योंकि इससे युद्ध लंबा खिंचेगा, न कि खत्म होगा।
‘Patriot’ यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में ओर्बन ने कहा- “यूक्रेन युद्ध अब खुला संघर्ष नहीं रहा। रूस युद्ध जीत चुका है. सवाल सिर्फ इतना है कि पश्चिमी समर्थक देश इसे कब मानेंगे और इसके क्या परिणाम होंगे।”उन्होंने यूरोपीय संघ में यूक्रेन की सदस्यता का भी विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि इससे हंगरी के किसानों और अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। साथ ही, ओर्बन का कहना था कि यूरोप ने जो बाइडेन के कार्यकाल में पुतिन से वार्ता का अवसर गंवा दिया, और अब यह खतरा है कि यूरोप का भविष्य उसकी भागीदारी के बिना ही तय हो जाएगा।
ओर्बन ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा- “अगर आप बातचीत की टेबल पर नहीं हैं, तो आप मेनू में हैं।”उन्होंने यूक्रेन पर यूरोपीय संघ के संयुक्त बयान को भी खारिज किया और कहा कि यह यूरोप को “हास्यास्पद और दयनीय” बनाता है। 2010 से सत्ता में बने हुए ओर्बन यूरोप में उन गिने-चुने नेताओं में से हैं, जिन्होंने रूस के साथ अपने रिश्ते बनाए रखे हैं। 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद भी हंगरी ने पुतिन से दूरी नहीं बनाई और अपनी अधिकांश ऊर्जा आपूर्ति रूस से ही ली। साथ ही, हंगरी ने यूक्रेन को हथियार भेजने से भी साफ इनकार किया है।