ओडिशा: चालक संघ ने मानी बात, आंदोलन वापस लेकर काम पर लौटे

भुवनेश्वर
बसों और ट्रकों सहित वाणिज्यिक वाहन चालकों के संघ 'ओडिशा चालक महासंघ' ने रविवार को राज्य में अपना पांच दिवसीय 'काम बंद' आंदोलन वापस ले लिया।
दो लाख से ज्यादा सदस्यों वाले चालक संघ ने पेंशन और विश्राम गृह सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आठ जुलाई को 'काम बंद' आंदोलन शुरू किया था।

संघ के राज्य सचिव मानस देबता ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगामी दौरे के मद्देनजर शनिवार रात आंदोलन वापस लेने की घोषणा की। देबता ने संबलपुर जिले के रेधाखोल में मीडियाकर्मियों से कहा, '' हमारी राष्ट्रपति, जो यहां की जमीन से ताल्लुक रखती हैं वह 14 जुलाई को ओडिशा आने वाली हैं। हमने अपने विरोध प्रदर्शन को वापस लेने का फैसला किया है ताकि राष्ट्रीय स्तर पर हमारे राज्य की छवि को ठेस न पहुंचे।''

'ओडिशा ड्राइवर्स महासंघ' के बैनर तले, बसों, ट्रकों, वैन, टैक्सियों, ऑटो रिक्शा और अन्य व्यावसायिक वाहनों के हजारों चालक राज्य में उनके लिए कल्याणकारी उपाय लागू करने की मांग को लेकर आठ जुलाई से प्रदर्शन कर रहे हैं। चालकों ने ओडिशा भर में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए और धरने दिए। चालकों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य के कई हिस्सों में निजी बस सेवा प्रभावित हुईं।

चालक संघ की 60 वर्ष की आयु के बाद चालकों के लिए पेंशन, मृत्यु लाभ, प्रमुख सड़कों पर हर 100 किलोमीटर पर विश्राम गृह, ओडिशा मोटर परिवहन चालक एवं श्रमिक कल्याण बोर्ड में ऑटोरिक्शा चालकों को शामिल करने और एक सितंबर को 'चालक दिवस' घोषित करने की मांग है।

 

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