पटना
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की रैंकिंग में इस बार बिहार के शहरों और नगर निकायों ने शानदार प्रदर्शन किया है। राजधानी पटना को वाटर प्लस का सर्टिफिकेशन मिला है, जबकि गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) श्रेणी में पटना और गया को तीन स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। वहीं, भागलपुर और सुपौल को जीएफसी में एक स्टार रेटिंग मिली है।
इस साल बिहार के 100 शहरों को ओपन डेफिकेशन फ्री प्लस (ODF+) का सर्टिफिकेट हासिल हुआ है, जबकि गयाजी को ओडीएफ प्लस प्लस (ODF++) का दर्जा मिला है। यह राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के परिणाम घोषित किए गए। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में पटना को बिहार में पहला स्थान मिला, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इसे 21वीं रैंकिंग प्राप्त हुई। इसी तरह, तीन से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में गया को राज्य में दूसरा और देश में 27वां स्थान मिला।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस समारोह में विभिन्न शहरों और नगर निकायों को स्वच्छता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया। पटना नगर निगम को स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार प्रयासों के लिए मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड भी दिया गया। कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, नगर आयुक्त अनिमेष पराशर, अपर सचिव विजय प्रकाश मीणा और नगर निगम के सफाईकर्मी भी शामिल हुए।
सफाईकर्मियों में पटना की सुलेखा देवी और मानती देवी ने दिल्ली जाकर इस सम्मान समारोह में भाग लिया। सुलेखा देवी पिछले आठ वर्षों से नगर निगम में कार्यरत हैं, जबकि मानती देवी दो वर्षों से सेवा दे रही हैं।
पिछले वर्ष जहां केवल पटना और सुपौल को एक स्टार जीएफसी रेटिंग मिली थी, वहीं इस बार दो शहरों को तीन स्टार और दो शहरों को एक स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है। साथ ही, ओडीएफ प्लस सर्टिफिकेट पाने वाले शहरों की संख्या भी 56 से बढ़कर 100 हो गई है। खास बात यह है कि पिछले वर्ष किसी भी शहर को ODF++ का दर्जा नहीं मिला था, लेकिन इस बार गयाजी को यह सम्मान प्राप्त हुआ है।
गंगा किनारे बसे 88 शहरों के बीच हुए सर्वेक्षण में पटना को इस बार चौथा स्थान मिला है, जबकि पिछले साल यह छठे स्थान पर था। राज्य सरकार और नगर निकायों की ये उपलब्धियां स्वच्छता के क्षेत्र में बिहार की मजबूत होती छवि को दर्शाती हैं। विभागीय सचिव अभय कुमार सिंह ने उम्मीद जताई है कि अगले वर्ष होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में राज्य और भी बेहतर प्रदर्शन करेगा।