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छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण का नया युग, महिला विकास की नई इबारत लिख रही है साय सरकार

आगामी वर्ष ‘महतारी गौरव वर्ष’ घोषित

रायपुर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने मातृशक्ति के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी वर्ष को ‘महतारी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार नित-नये फैसले ले रही है। विकसित छत्तीसगढ़ के लिए छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 तैयार किया गया है। विकसित छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सशक्त भागीदारी को देखते हुए राज्य में आगामी वर्ष को महतारी गौरव वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ‘महतारी गौरव वर्ष’ में महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक गरिमा को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का सशक्त संकल्प सिद्ध होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह वर्ष छत्तीसगढ़ में मातृशक्ति के नेतृत्व, सहभागिता और सम्मान का एक नया अध्याय लिखेगा, जो विकसित, समरस और सशक्त छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव बनेगा।

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि सरकार को सबसे बड़ा आशीर्वाद माताओं और बहनों से प्राप्त होता है। उनके विश्वास, समर्थन और आशीष से ही जनसेवा के कार्यों को नई ऊर्जा और दिशा मिलती है। इसी भावनात्मक और सामाजिक दायित्वबोध से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का पहला वर्ष ‘विश्वास वर्ष’ के रूप में समर्पित रहा, जिसमें शासन और जनता के बीच भरोसे की पुनर्स्थापना हुई। दूसरा वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मनाया गया, जिसके दौरान आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण, सामाजिक विकास और जनकल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण कार्य पूरे हुए। अब सेवा का आगामी वर्ष मातृशक्ति को समर्पित ‘महतारी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें राज्य की सभी प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों का केंद्रबिंदु माताएँ और बहनें होंगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते दो वर्षों में महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर किए गए कार्यों ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पटल पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया है। सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और निर्णय क्षमता को अपनी नीतियों का मूल आधार बनाते हुए सामाजिक-आर्थिक बदलाव की एक नई दिशा तय की है।

महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूती देने वाली महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राज्य की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक 22 किश्तों में 14,306 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की जा चुकी है। महिला कल्याण के लिए 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि राज्य की विकास यात्रा के केंद्र में महिलाएँ हैं।

महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिलाने के उद्देश्य से रजिस्ट्री शुल्क में 1 प्रतिशत की छूट, 368 महतारी सदनों का निर्माण, मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय का ऑनलाइन भुगतान जैसे निर्णयों ने सुशासन और पारदर्शिता को और सुदृढ़ किया है। स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 42,878 महिला समूहों को 12,946.65 लाख रुपये का रियायती ऋण प्रदान किया गया है। वहीं, बस्तर सहित छह जिलों में रेडी-टू-ईट का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया है।

महिला आजीविका के नए अवसर सृजित करने के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना, नवाबिहान योजना, डिजिटल सखी, दीदी ई-रिक्शा योजना, सिलाई मशीन सहायता, तथा मिनीमाता महतारी जतन योजना जैसी पहलें लागू की गई हैं। कन्याओं के विवाह में सहयोग हेतु मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सहायता राशि का बड़ा हिस्सा सीधे कन्या के बैंक खाते में जमा किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता दोनों को बल मिला है।

महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने ऐतिहासिक पहल की है। वन-स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन और डायल 112 के एकीकृत संचालन ने संकट की घड़ी में त्वरित और प्रभावी सहायता सुनिश्चित की है। सुखद सहारा योजना के अंतर्गत 2 लाख 18 हजार से अधिक विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जा रही है।

किशोरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शुचिता योजना, साइकिल वितरण योजना, तथा नवा रायपुर में यूनिटी मॉल का निर्माण महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित ‘जशप्योर’ ब्रांड को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास भी महिलाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उनके लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और सशक्त वातावरण तैयार करना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना, नवाबिहान, लखपति दीदी, शुचिता और महतारी सदन जैसी पहलें महिलाओं के समग्र विकास का मजबूत आधार तैयार कर रही हैं।

वर्ष 2025-26 में महिला एवं बाल विकास विभाग को 8,245 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि महिला कल्याण, सुरक्षा और सशक्तिकरण उसकी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आज महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नई दिशा, नई उम्मीद और नए परिवर्तन का प्रतीक बनकर उभर रहा है।

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