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मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की बैठक

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में सिंचाई के रकबे को वर्ष 2028-29 तक एक करोड़ हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य है। अत: सभी परियोजनाओं में निर्माण गतिविधियों का संचालन समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ – 2028 में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या ओंकारेश्वर दर्शन के लिए भी जाएगी। अत: ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के दोनों तटों पर घाट निर्मित किए जाएं।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की बैठक में दिए। मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में बड़ादेव संयुक्त माईक्रो सिंचाई परियोजना अंतर्गत टेरिया नाला बांध, सानेर बांध और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के निर्माण कार्य, सोण्डवा माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना, धार उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना, बहोरीबंद उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना, नर्मदा-झाबुआ-पेटलावद-थांदला-सरदारपुर उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना, ढ़ीमरखेड़ा माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना, बरगी व्यपवर्तन परियोजना के अंतर्गत नहर निर्माण, महेश्वर-जानापाव उद्वहन माईक्रो सिंचाई परियोजना की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में ओंकारेश्वर और नावघाट-खेड़ी जिला खण्डवा में नर्मदा नदी के दोनों तटों पर घाट निर्माण और इंदिरा सागर ओंकारेश्वर पम्प स्टोरेज परियोजना पर भी चर्चा हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान सहित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित थे।

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