विकसित भारत की परिकल्पना को एमएसएमई करेगा साकार : मंत्री काश्यप

विकास और सेवा के 2 वर्ष-पत्रकारों से रू-ब-रू हुए मंत्री श्री काश्यप

भोपाल
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 में देश को विकसित भारत बनाने के संकल्प के दृष्टिगत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अभ्युदय मध्यप्रदेश की परिकल्पना के तहत सर्वांगीण विकास में एमएसएमई विभाग निर्णायक भूमिका निभा रहा है। उन्होंने मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मीडिया से विकास और सेवा के 2 वर्ष पर संवाद करते हुए विभाग की दो वर्षों की उपलब्धियों तथा आगामी 3 वर्षों में किए जाने वाले कार्यों और विकसित भारत के संकल्प की जानकारी दी।

मंत्री श्री चैतन्य कुमार काश्यप ने आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना की जानकारी देते हुए बताया कि एमएसएमई को 5 हजार करोड़ की प्रोत्साहन सहायता के साथ ही 30 नवीन निजी क्लस्टरों और 22 नवीन Common Facility Center (CFC) की स्वीकृति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि 6 हजार से अधिक विकसित औद्योगिक भू-खंड उपलब्ध कराना, 100 औद्योगिक क्षेत्रों में CETP की स्थापना, औद्योगिक क्षेत्र विहीन 81 विधानसभा क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्र का विकास, वर्तमान 6,000+ स्टार्टअप की संख्या को दोगुना यानि 12,000+ करना, 100 नवीन इन्क्युबेशन सेंटर की स्थापना, 1.5 लाख + स्व-सहायता समूहों का उद्यम पोर्टल अंतर्गत फार्मलाईजेशन, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं उज्जैन में सब्सिडी युक्त प्लग-एंड-प्ले मॉडल पर को-वर्किंग स्पेस की स्थापना, GI टैगिंग के लिए 20 विशिष्ट उत्पादों की पहचान कर उन्हें रजिस्टर कराना, स्वरोजगार योजना के माध्यम से 30 हजार उद्यमियों को लाभान्वित कराना और इंदौर और जबलपुर की टेस्टिंग लैब का उन्नयन किए जाने का लक्ष्य है।

मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि विकसित भारत@2047 के लिए1 करोड़ उद्यम पंजीकृत और एमएसएमई स्थापित करने का प्रयास किया जायेगा। एमएसएमई द्वारा 2 करोड़ रोजगार सृजन करना, एमएसएमई के माध्यम से ₹61,256 करोड़ का निवेश प्राप्त करना। 25 प्रतिशत महिला-नेतृत्व वाले एमएसएमई बनाना। 200+ एमएसएमई को एसएमई स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड करना जैसे कदम उठाए जाऐंगे। मंत्री श्री काश्यप ने बतया कि वर्तमान अधिसूचित 207 औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ाकर 1,000 करना। राज्य क्लस्टर योजना के अंतर्गत विकसित निजी क्लस्टरों की संख्या बढ़ाकर 150 करना। 10,000 हरित ऊर्जा वाले एमएसएमई की स्थापना। 50,000 से अधिक DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप बनाना। 7,000 उत्पादन-आधारित स्टार्टअप स्थापित करना। स्व-रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य: वित्तीय वर्ष 2046-47 में 3.90 लाख व्यक्ति और 1,00,000 जेडईडी प्रमाणित एमएसएमई स्थापित करने के लिए प्रयास करना शामिल है।

एमएसएमई मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि विभाग ने पिछले दिनों कई नवाचार किए हैं। औद्योगिक भू-खण्डों का आवंटन एवं प्रोत्साहन राशि के वितरण के लिए फेसलेस सरलीकृत ऑनलाइन प्रक्रिया विकसित की गयी। भू-खण्डों का आवंटन एवं सहायता/सुविधा की स्वीकृति के लिए प्रत्येक चरण की समय सीमा का निर्धारण किया और CFC के लिये भूमि आवंटन नियम में Amenities के रूप में भूमि प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। शार्क टैंक इंडिया टीम के साथ अगस्त 2025 में स्टार्टअप्स के लिए देश में पहला विशेष कार्यक्रम किया गया तथा प्रथम बार गोविंदपुरा में बहुमंजिला औद्योगिक परिसर का विकास किया जा रहा है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि प्रदेश में 21.63 लाख पंजीकृत MSME हैं, जिनमें 4.50 लाख विनिर्माण इकाइयां लगभग 36 लाख रोजगार सृजित करती हैं। स्टार्टअप ईकोसिस्टम में 6000+ DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप, 3,000+ महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप, 72 इनक्यूबेटर तथा ₹100 करोड़ रूपये का समर्पित फंड शामिल हैं। प्रदेश में 181 संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में 4,000+ हेक्टेयर भूमि तथा 2,100 से अधिक हेक्टेयर अविकसित शासकीय भूमि रियायती दरों पर उपलब्ध है। विभाग द्वारा प्रदेश में शासकीय भूमि के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सहयोग से औद्योगिक क्षेत्रों का निरंतर विकास करते हुए निवेशकों को भू-खण्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि राज्य की केंद्रीय स्थिति, देश के 50 प्रतिशत बाजार तक सहज पहुंच, 8 हवाई अड्डे, 5 लाख किमी सड़क नेटवर्क तथा कांडला एवं JNPT बंदरगाहों की निकटता ने इसे भविष्य के लॉजिस्टिक्स व मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित किया है। 24×7 बिजली आपूर्ति, 1,000 MCM से अधिक जल आपूर्ति, राष्ट्रीय महत्व के शैक्षणिक संस्थान, ग्लोबल स्किल्स पार्क (भोपाल) एवं MSME टेक्नोलॉजी सेंटर कुशल कार्यबल सुनिश्चित करते हैं। मजबूत MSME आधार, तेज़ी से विस्तारित स्टार्टअप ईकोसिस्टम, उत्कृष्ट कनेक्टिविटी और उदार नीतिगत समर्थन के साथ मध्यप्रदेश दीर्घकालिक विकास की तलाश करने वाले उद्योगों के लिए भरोसेमंद औद्योगिक गंतव्य बन चुका है।

मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि विगत 2 वर्षों में कुल 4,865 इकाइयों को ऑनलाइन सिंगल क्लिक से 3,118.44 करोड़ की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है। वर्ष 2019 से लंबित समस्त देयताओं का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। औद्योगिक अधोसंरचना का विकास अंतर्गत्‍14 औद्योगिक क्षेत्रों (1,296 भूखंड) का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। 41 औद्योगिक क्षेत्र (3,353 भूखंड) विकासाधीन, 26 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों (2,606 भूखंड) की स्वीकृति सहित औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को 1,240 भू-खण्ड उपलब्ध कराए गए। 2019 से 2024 तक कुल 805 भूखंडों का आवंटन हुआ। उन्होंने बताया कि निजी भूमि पर स्वीकृत 30 औद्योगिक क्षेत्रों (1,423 भूखंड) में से 12 का विकासकार्य पूर्ण (583 भूखंड) पूर्ण हुआ है। 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *