पाकिस्तान को ड्रोन देने वाली कंपनी के साथ MP मेट्रो का करार खत्म

भोपाल
एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन तुर्किए की कंपनी एसिस इलेक्ट्रॉनिक को मिला 186 करोड़ रुपये से अधिक का ठेका रद्द करने जा रहा है। इस कंपनी के ही वेंचर एसिसगार्ड ने पाकिस्तान को हथियारबंद ड्रोन की आपूर्ति की थी, जिसका उपयोग उसने भारत के खिलाफ किया था। विरोध के बाद मेट्रो रेल ने कंपनी की सेवा लेने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने बहुत से उपकरणों को भोपाल भेजा है, जिसे बिना खोले छोड़ दिया गया है।

दरअसल एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने इंदौर-भोपाल मेट्रो के 2024 में टिकट वितरण, कलेक्शन और जांच के लिए ऑटोमेटिक टिकटिंग प्रणाली का ग्लोबल टेंडर जारी किया था। इसमें तुर्किए की एसिस इलेक्ट्रॉनिक ने सबसे अधिक बोली लगाकर ठेका हासिल किया। इंदौर में कई स्टेशनों पर इस सिस्टम को लगा भी दिया गया था। मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सामने आया कि ऑटोमेटिक टिकटिंग प्रणाली लगाने वाली कंपनी उसी रक्षा उत्पादन कंपनी का वेंचर है, जिसने पाकिस्तान को ड्रोन दिए थे। उसके बाद इसका विरोध शुरू हो गया।
 
कांग्रेस ने भी ठेका निरस्त करने की मांग उठाई
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने साफ कहा कि यदि यह प्रमाणित होता है कि कंपनी या उसकी किसी सहायक इकाई का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से भारत विरोधी तत्वों से संबंध रहा है, तो ठेका तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा। भाजपा के कई ताकतवर नेता इसके विरोध में खड़े हो गए। वहीं कांग्रेस ने भी इसका ठेका तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग उठाई।

कांग्रेस नेताओं का कहना था कि दुश्मन देश की कंपनी का इस्तेमाल हमारे दीर्घकालिक सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचा सकता है। उसके बाद इंदौर मेट्रो में कंपनी के लगाए उपकरणों से काम लेना बंद कर दिया गया। इस बीच कंपनी ने भोपाल में अपने उपकरणों की आपूर्ति जारी रखी थी। अब सामने आया है कि मेट्रो रेल ने यहां भी उन उपकरणों को इंस्टॉल कराने से इनकार कर दिया है। वे उपकरण मेट्रो परिसर में ही बिना खुले रखे हैं।

नई कंपनी के लिए जारी किए टेंडर
एमपी मेट्रो ने नई कंपनी को ठेका देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए नई निविदा जारी की गई है। इस प्रक्रिया में देर लगेगी, इसलिए इस साल आटोमेटिक टिकटिंग सिस्टम लगाना संभव नहीं दिख रहा है।

हाथ से टिकट देकर शुरू होगा संचालन
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भोपाल के सात किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कारीडोर पर अक्टूबर से मेट्रो रेल का संचालन शुरू करने की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि आटोमेटिक सिस्टम के अभाव में हाथ से टिकट देकर मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा। नई कंपनी के आने के बाद आटोमेटिक प्रणाली का काम होगा।

मेट्रो स्टेशन पर तुर्किए के उपकरण नहीं लगाया जाए रहे हैं । ठेका रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है । चूंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय अनुबंध है, इसलिए रद्दीकरण में कानूनी व कूटनीतिक प्रक्रियाओं के कारण समय लग रहा है । नई कंपनी के आते ही आटोमेटिक टिकटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
हिमांशु ग्रोवर, जनसंपर्क अधिकारी, एमपी मेट्रो।

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