मालगाड़ी दुर्घटना के कारण 30 से अधिक ट्रेनें प्रभावित, यात्रियों को झटका

जमुई

जमुई में हुए बड़े रेल हादसे का असर सोमवार को भी साफ तौर पर देखने को मिला। जसीडीह-झाझा रेलखंड पर पटरी दुरुस्त करने और डिरेल मालगाड़ी के डिब्बे हटाने का काम रविवार रात भर युद्ध स्तर पर चलता रहा, बावजूद इसके दूसरे दिन भी इस रूट पर रेल परिचालन शुरू नहीं हो सका। इसका सीधा असर जसीडीह जंक्शन से दिल्ली की ओर जाने वाली और किउल जंक्शन से हावड़ा की ओर जाने वाली ट्रेनों पर पड़ा। यात्रियों को घंटों स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा, वहीं कई ट्रेनों के रद्द या डायवर्ट होने से उनकी यात्रा योजनाएं पूरी तरह बिगड़ गई। हावड़ा जाने वाली ट्रेनों को पटना के रास्ते डायवर्ट किया जा रहा है, जबकि दिल्ली जाने वाली ट्रेनों को आसनसोल होकर भेजा जा रहा है।

पटना-हावड़ा रेल रूट पर सोमवार को भी ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित रही। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। रेलवे के अनुसार सोमवार को कुल 17 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया, जबकि 13 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। डायवर्ट की गई प्रमुख ट्रेनों में धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस, हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस, हावड़ा-नई दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस, पटना-हावड़ा एक्सप्रेस, हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, हावड़ा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस, टाटानगर-बक्सर एक्सप्रेस, कोलकाता-गोरखपुर पूर्वांचल एक्सप्रेस, जसीडीह-पुणे साप्ताहिक एक्सप्रेस, आसनसोल-मुंबई सीएसएमटी एक्सप्रेस, रक्सौल-हैदराबाद एक्सप्रेस, पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस और काठगोदाम-हावड़ा बाघ एक्सप्रेस शामिल हैं। कई मेमू और पैसेंजर ट्रेनों को पूरी तरह रद्द कर दिया गया, जिससे स्थानीय यात्रियों को सबसे अधिक दिक्कत हुई।

कई ट्रेनों को किया गया था डाइवर्ट

रविवार को भी रेलवे ने सुरक्षा और परिचालन कारणों से कई ट्रेनों को रद्द और डायवर्ट किया है। मुजफ्फरपुर से हावड़ा जाने वाली 13020 बाघ एक्सप्रेस को 16 स्टेशनों पर कैंसिल कर दिया गया था, जबकि इस ट्रेन को बरौनी से ही डायवर्ट किया गया। वहीं, हावड़ा से मुजफ्फरपुर आने वाली 13019 बाघ एक्सप्रेस को अंडाल से किऊल के बीच रद्द कर दिया गया। इसके कारण चित्तरंजन, मधुपुर और जसीडीह में सवार होने वाले यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। खासकर जसीडीह स्टेशन पर उत्तर बिहार के बड़ी संख्या में यात्री पूरी रात फंसे रहे। इसके अलावा पटना-देवघर पैसेंजर (63210) को पूरी तरह कैंसिल कर दिया गया है। कई लंबी दूरी की ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया जा रहा है।

पटना-हावड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस (22348) को गया के रास्ते आसनसोल तक डायवर्ट किया गया। पंजाब मेल (13005) को बांका-किऊल के रास्ते पटना होकर चलाया जा रहा है। हावड़ा-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस (12351) को मधुपुर से डायवर्ट कर दिया गया है और जसीडीह से पटना साहिब तक इसे कैंसिल रखा गया है। साउथ बिहार एक्सप्रेस (13287) को आसनसोल से डायवर्ट कर बदले हुए रूट से बख्तियारपुर होते हुए आरा तक चलाया जा रहा है। धनबाद-पटना एक्सप्रेस (13331) गया के रास्ते पटना पहुंची, जबकि मधुपुर से राजेंद्र नगर टर्मिनल तक इसे कैंसिल रखा गया। पटना-धनबाद एक्सप्रेस (913332), पाटलिपुत्रा एक्सप्रेस (18622), टाटा–बक्सर एक्सप्रेस (18183) और अकालतख्त एक्सप्रेस को भी अलग-अलग रूट से डायवर्ट किया गया है।
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क्या है पूरा मामला
यह हादसा शनिवार की रात करीब 11.25 बजे जसीडीह-झाझा रेलखंड पर टेलवा बाजार हॉल्ट के पास बरुआ नदी पुल के समीप हुआ। आसनसोल की ओर से झाझा जा रही सीमेंट लदी अपलाइन मालगाड़ी पटरी में आई दरार की वजह से डिरेल हो गई। हादसे में मालगाड़ी के कुल 19 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिनमें से 10 डिब्बे रेलवे ब्रिज पर ही पलट गए, जबकि 9 डिब्बे नीचे बरुआ नदी में जा गिरे। यह मालगाड़ी पश्चिम बंगाल से सीतामढ़ी जा रही थी। मालगाड़ी के गार्ड मुकेश कुमार पासवान और लोको पायलट कमलेश कुमार ने बताया कि जैसे ही ट्रेन पुल पर चढ़ी, पीछे से जोरदार आवाज आई और कुछ ही सेकेंड में डिब्बे एक के बाद एक डिरेल होने लगे। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।

जानिए कैसे हुआ हादसा
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रेलवे ब्रिज के जिस हिस्से में ट्रैक का जोड़ है, वहीं पटरी में पहले से दरार थी। भारी सीमेंट लदी मालगाड़ी जब उस हिस्से से गुजरी तो पटरी उसका बोझ सहन नहीं कर सकी। अपलाइन की पटरी उखड़कर डाउन लाइन की ओर मुड़ गई, जिससे दोनों ट्रैक पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे के बाद डिब्बे ट्रैक और नदी में बिखर गए, जिन्हें हटाने में भारी मशीनों की मदद ली जा रही है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार सोमवार शाम तक भी रेल लाइन प्रभावित रहने की संभावना है। हालांकि विभाग का दावा है कि मरम्मत और मालवा हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है और जल्द से जल्द इस महत्वपूर्ण रेलखंड पर परिचालन बहाल करने की कोशिश जारी है।

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