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मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक: दिल्ली मेट्रो के तीन नए कॉरिडोर के लिए 12,015 करोड़ स्वीकृत

नई दिल्ली
मोदी सरकार ने दिल्ली-एनसीआर वासियों को नए साल का तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के विस्तार को मंजूरी दी है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने यह जानकारी साझा की है। केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज 5ए के अंतर्गत 3 नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है। इसमें 13 नए मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन नए कॉरिडोर में आरके आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), एयरोसिटी से आईजीआई एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी) शामिल है।

इस परियोजना की कुल लंबाई 16.076 किमी है और इससे राष्ट्रीय राजधानी में कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। दिल्ली मेट्रो के फेज 5ए परियोजना की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपए है, जिसका वित्तपोषण भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को जोड़ेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को घर बैठे ही सुविधा मिलेगी। इस कनेक्टिविटी से प्रतिदिन कार्यालय जाने वाले लगभग 60,000 लोगों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करके जीवन स्तर को सुगम बनाएंगे।

केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज 5ए को मंजूरी दे दी है, जिसमें 13 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिसमें 10 अंडरग्राउंड और 3 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। यह प्रोजेक्ट 3 साल में पूरा होने का अनुमान है।" उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत 16 किलोमीटर लंबी नई लाइन बिछाई जाएगी, जिसके लिए 12,015 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर से ज्यादा हो जाएगा, जो कि अपने-आप में एक बड़ी उपलब्धि है। वर्तमान में, दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किलोमीटर लंबी 12 मेट्रो लाइनें संचालित की जा रही हैं, जिनमें 289 स्टेशन हैं। आज दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और साथ ही दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से एक है।

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