अल्पसंख्यक छात्र होंगे लाभान्वित, बिहार सरकार ने मुफ्त शिक्षा और आवास की पेशकश की

पटना 

बिहार सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किशनगंज और दरभंगा में बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में पढ़ाई के साथ-साथ छात्रावास की सुविधा भी पूरी तरह निःशुल्क होगी।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को सुरक्षित, अनुशासित और उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराना है, ताकि वे बेहतर भविष्य की ओर आगे बढ़ सकें।
नामांकन प्रक्रिया इसी दिसंबर से शुरू

सरकार सत्र 2025–26 के लिए इन विद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया इसी दिसंबर से शुरू कर रही है। इच्छुक अभ्यर्थी 30 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा आवेदन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे अधिक से अधिक छात्र इस योजना का लाभ उठा सकें।

छात्रों के सर्वांगीण विकास पर फोकस

इन आवासीय विद्यालयों में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के छात्रों को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी। साथ ही सुरक्षित आवास, पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य सुविधाएं और अनुशासित शैक्षणिक माहौल भी सुनिश्चित किया जाएगा। सरकार का फोकस केवल शिक्षा तक सीमित न होकर छात्रों के सर्वांगीण विकास पर भी रहेगा।
75 प्रतिशत सीटें ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए आरक्षित

सत्र 2025–26 के लिए कला और विज्ञान संकाय में नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके तहत कक्षा 9 और कक्षा 11 में प्रवेश के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार कक्षा 9 के लिए अधिकतम आयु 16 वर्ष और कक्षा 11 के लिए 18 वर्ष निर्धारित की गई है।

वर्तमान में नवमी और ग्यारहवीं कक्षा में अध्ययनरत, विशेषकर विज्ञान और कला संकाय के छात्र-छात्राओं को प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी। सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुल सीटों में से 75 प्रतिशत सीटें ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है, जिनमें से 50 प्रतिशत सीटें बालिकाओं के लिए होंगी।
आरक्षण प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा

इसके अलावा राज्य सरकार के अधीन संचालित शिक्षण संस्थानों में लागू आरक्षण प्रावधानों को भी यहां प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा, ताकि सभी पात्र वर्गों को समान अवसर मिल सके। गौरतलब है कि वर्ष 2005 से पहले राज्य की शिक्षा व्यवस्था कई चुनौतियों से जूझ रही थी। बीते वर्षों में बिहार सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों और आवासीय विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया है।

अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होंगे। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। सरकार का विश्वास है कि यह योजना अल्पसंख्यक छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने, ड्रॉपआउट दर कम करने और उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।

 

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