गोरखपुर
सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए नगर निगम ने ‘इंटीग्रेटेड अर्बन स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज मास्टर प्लान’ (आईयूएसडब्ल्यूडीएमपी) तैयार कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए निगम ने निविदा आमंत्रित की है। परियोजना को चार महीने में पूरा किया जाना है। यह मास्टर प्लान शहर की मौजूदा जल निकासी व्यवस्था का आधुनिक तकनीक से आकलन कर उसे सुदृढ़ और भविष्य के लिए सक्षम बनाएगा। इसके तहत पूरे महानगर में ड्रेनेज नेटवर्क का सर्वेक्षण, अद्यतन आंकड़े एकत्र करना, चालू परियोजनाओं का नए प्रस्तावों के साथ एकीकरण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी।
योजना के तहत नगर सीमा से बाहर स्थित कैचमेंट एरिया को ध्यान में रखते हुए ड्रेनेज बेसिन मानचित्र तैयार किए जाएंगे। परियोजना प्रभाव क्षेत्र में व्यापक स्थलाकृतिक सर्वेक्षण , हाइड्रोलिक विश्लेषण, ज़ोनिंग तथा कैचमेंट/उप-कैचमेंट क्षेत्रों का विभाजन किया जाएगा। वर्षा की अधिकतम तीव्रता को ध्यान में रखते हुए सिमुलेशन मॉडल तैयार होंगे। अंतिम जल निकासी बिंदु पर प्रभाव का आकलन करते हुए जान-माल की क्षति और प्रमुख सड़कों पर यातायात में व्यवधान को न्यूनतम करने हेतु प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का प्रस्ताव किया जाएगा। बता दें, 17 दिसंबर 2024 को कैबिनेट बैठक में l सीएम योगी ने इंटीग्रेटेड अर्बन स्ट्रॉम वॉटर ड्रेनेज मास्टर प्लान बनाने का निर्णय लिया था। प्रथम चरण में परियोजना में 17 शहर शामिल किए गए थे, जिसके लिए इसके लिए पूर्व में ही वित्तीय बजट में 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी।
6.80 करोड़ से हुआ लेडार सर्वेक्षण, लेकिन इस्तेमाल नहीं
महानगर में वर्षा जल निकासी प्रणाली पर अर्बन स्ट्रॉम वॉटर ड्रेनेज मास्टर प्लान पहले से ही उपलब्ध है। नगर निगम और जीडीए ने 6.80 करोड़ रुपये से लेडार सर्वेक्षण कराया था। 16 नवंबर 2023 को फर्म ने अपनी फाइनल रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी थी। लेकिन इस सर्वेक्षण का महानगर में हजारों करोड़ रुपये से अधिक के जलनिकासी कार्यो में नगर निगम समेत किसी कार्यदायी एजेंसी ने इस्तेमाल नहीं किया। अब नगर निगम अपने 220 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का सर्वेक्षण करना चाहते हैं।
क्या बोले नगर आयुक्त
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि इंटीग्रेटेड अर्बन स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज मास्टर प्लान एक समग्र योजना होगी जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल के प्रभावी और टिकाऊ प्रबंधन के लिए व्यवस्थित और दीर्घकालिक रणनीति विकसित करना है। जीडीए द्वारा कराया गया लेडार सर्वेक्षण हमारे पास है, लेकिन इंटीग्रेटेड अर्बन स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज मास्टर प्लान का वह पार्ट है। इससे शहरी बाढ़, जलभराव और जल प्रदूषण की समस्याओं को हल करने में भी मदद करेगी।