तेज बारिश से तबाही: छत्तीसगढ़ और केरल के कई इलाके जलमग्न

नई दिल्ली

देश के कई हिस्सों में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है, लेकिन इसके साथ ही आम लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और केरल के मलप्पुरम जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जहां रायपुर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है, वहीं मलप्पुरम में तेज हवाओं और बारिश के कारण कई पेड़ उखड़ गए हैं। इन दोनों जगहों पर प्रशासन अलर्ट पर है और राहत कार्यों में जुटा हुआ है।

रायपुर में बीते 24 घंटों से हो रही भारी बारिश के चलते शहर के कई हिस्सों में पानी भर गया है। मुख्य सड़कों, कॉलोनियों और बाजारों में घुटनों तक पानी जमा हो गया है। इससे लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है। जलभराव के कारण ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा गई है और कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने जलनिकासी की व्यवस्था तेज कर दी है, लेकिन लगातार बारिश के कारण हालात सामान्य होने में समय लग सकता है।

स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी, लोगों से घरों में रहने की अपील
रायपुर प्रशासन ने स्कूल और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद रखने का निर्देश दिया है। लोगों से अपील की गई है कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। नगर निगम के कर्मचारी जलभराव वाले इलाकों में पंप लगाकर पानी निकालने का काम कर रहे हैं। साथ ही कंट्रोल रूम को भी सक्रिय कर दिया गया है, जहां नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

मलप्पुरम में तेज हवाओं से कई पेड़ उखड़े
केरल के मलप्पुरम जिले में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चल रही हैं। इस कारण कई इलाकों में पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। गिरते पेड़ों से कई सड़कें जाम हो गई हैं और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कुछ स्थानों पर बिजली के खंभे भी टूट गए, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। बारिश के कारण कई घरों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी।

बिजली और मोबाइल नेटवर्क पर असर
मलप्पुरम के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। लगातार बारिश और हवाओं के कारण मोबाइल नेटवर्क भी बाधित हुआ है, जिससे लोगों को आपस में संपर्क करने में मुश्किल हो रही है। बिजली विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर टूटे तार और पोल को दुरुस्त करने का काम कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविरों की तैयारी शुरू कर दी है ताकि जरूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों को वहां भेजा जा सके।

 

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *